उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। रविवार को यूपी को-ऑपरेटिव एक्सपो-2025 और युवा सहकार सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों के हित में ऐतिहासिक फैसला लेते हुए बड़ी राहत का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लघु एवं सीमांत किसानों को अब सहकारी ग्राम विकास बैंक (LDB) के माध्यम से 6 प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराया जाएगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक (LDB) से मिलने वाले कर्ज पर करीब साढ़े 11 प्रतिशत ब्याज लगता था, जो किसानों पर अतिरिक्त बोझ बन रहा था। सरकार इसे कम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। अब यूपी सहकारी ग्राम विकास बैंक (LDB) से मात्र 6 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत बाकी ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
मुझे अन्नदाता किसानों के लिए एक और व्यवस्था करनी है…
‘मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना’ के अंतर्गत लघु एवं सीमांत किसानों को हम 6% की ब्याज दर पर LDB के माध्यम से ऋण उपलब्ध करवाएंगे… pic.twitter.com/WRN8BC1zm3
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 21, 2025
केंद्र सरकार ने सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय का किया गठन
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पहली बार सहकारिता के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया। पहले यह कृषि मंत्रालय के अधीन एक छोटा आयाम हुआ करता था। सहकारिता मंत्री के रूप में अमित शाह सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित किया है। पीएम मोदी की प्रेरणा से सहकारिता के सुदृढ़ीकरण की दिशा में अनेक कदम उठाए गए हैं।
जिला सहकारी बैंकों में 2 लाख से ज्यादा नए खाते खुले
सीएम योगी ने बताया कि सहकारिता साल 2025 के तहत प्रदेश में पहली बार बड़े पैमाने पर आयोजन किए गए हैं। उन्होंने बताया कि आज राज्य के जिला सहकारी बैंकों में 2 लाख से अधिक नए खाते खुले हैं और 550 करोड़ रुपये से अधिक की जमा राशि है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 11 सालों में डिजिटलीकरण, ई-गवर्नेंस और पारदर्शी नीतियों के माध्यम से सहकारिता सहित हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। एम-पैक्स के माध्यम से सदस्यता विस्तार, वित्तीय समावेशन और ग्रामीण विकास को मजबूती मिली है। देश में 8.44 लाख से अधिक सहकारी समितियां और 30 करोड़ से ज्यादा सदस्य सामूहिक शक्ति के रूप में योगदान दे रहे हैं।





