Tue, Dec 23, 2025

यूनुस सरकार पर बरसीं शेख हसीना, भारत से बिगड़ते संबंधों को लेकर साधा निशाना, चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा देने के आरोप

Written by:Atul Saxena
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फरवरी के चुनावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए शेख हसीना ने कहा अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं, बल्कि राज्याभिषेक है।
यूनुस सरकार पर बरसीं शेख हसीना, भारत से बिगड़ते संबंधों को लेकर साधा निशाना, चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा देने के आरोप

बांग्लादेश में छात्र नेता उस्मान हादी की हत्या के बाद बने अशांति के माहौल के लिए पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को जिम्मेदार ठहराया है और आलोचना की है उन्होंने यूनुस सरकार पर चरमपंथी तत्वों को बढ़ावा देने और भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने एवं लोकतांत्रिक ढांचों को कमजोर करने का आरोप लगाया है। हसीना ने कहा कि ये घटनाएँ देश की आंतरिक स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा दोनों के लिए खतरा हैं साथ ही ये घटनाएँ पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को अस्थिर करती है।

समाचार एजेंसी ANI के साथ ईमेल इंटरव्यू में शेख हसीना ने आरोप लगाया कि हाल के तनाव जानबूझकर पैदा किए गए थे। उन्होंने भारत के प्रति बढ़ती दुश्मनी और भारतीय डिप्लोमैट्स की सुरक्षा पर चिंताओं को जताई है,  हसीना ने कहा, “यह दुश्मनी उन एक्सट्रीमिस्ट्स द्वारा बनाई जा रही है जिन्हें यूनुस शासन से हिम्मत मिली है।

उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा   

उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई के विद्रोह के दौरान इंकलाब मंच के प्रवक्ता जुड़े छात्र नेता उस्मान हादी को 12 दिसंबर को ढाका के बिजयनगर में गोली मार दी गई थी, उनके सिर में गोली लगी थी और उन्हें इलाज के लिए विमान से सिंगापुर ले जाया गया था जहाँ इलाज के दौरान 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई थी, हादी की मौत के बाद, ढाका में विरोध प्रदर्शन और अशांति फैल गई थी कई मीडिया हाउस पर हमला किया गया और बिल्डिंग में आग लगा दी गई।

यूनुस ने चरमपंथियों को कैबिनेट में दी जगह 

शेख हसीना ने बांग्लादेश में इस्लामवादी प्रभाव और सुरक्षा चिंताओं को साझा करते हुए कहा कि यूनुस ने चरमपंथियों को कैबिनेट पदों पर रखा है, दोषी आतंकवादियों को जेल से रिहा किया है, और अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों से जुड़े समूहों को सार्वजनिक जीवन में भूमिका निभाने की अनुमति दी है, हसीना ने कहा यूनुस एक राजनेता नहीं हैं इसलिए मुझे यह डर है कि कट्टरपंथी उनका उपयोग अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए स्वीकार्य चेहरा पेश करने के लिए कर रहे हैं जबकि वे हमारी संस्थाओं को भीतर से व्यवस्थित रूप से कट्टरपंथी बना रहे हैं, इससे न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशियाई स्थिरता में निवेश करने वाले प्रत्येक राष्ट्र को चिंतित होना चाहिए

बांग्लादेश की संस्थाओं में मेरा विश्वास खत्म नहीं हुआ: हसीना 

हसीना ने कहा बांग्लादेशी राजनीति का धर्मनिरपेक्ष चरित्र हमारी सबसे बड़ी ताकतों में से एक था और हम इसे कुछ मूर्ख चरमपंथियों की इच्छा के कारण बलिदान नहीं होने दे सकते, उन्होंने कहा मुझे बांग्लादेश के संवैधानिक बुनियादों पर भरोसा है। बांग्लादेश की संस्थाओं में मेरा विश्वास खत्म नहीं हुआ है। हमारी संवैधानिक परंपरा मज़बूत है, और जब वैध शासन बहाल होगा और हमारी न्यायपालिका अपनी आज़ादी वापस पाएगी, तो न्याय ज़रूर मिलेगा।

भारत के समर्थन पर जताया आभार 

उन्होंने कहा भारत द्वारा उनका साथ दिए जाने से वे बहुत खुश हैं और आभारी हैं, हसीना ने कहा कि इस नज़रिए को भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों का समर्थन मिला है। बांग्लादेश छोड़ने के बारे में बताते हुए हसीना ने कहा, “मैंने और खून-खराबा रोकने के लिए बांग्लादेश छोड़ा था, न्याय का सामना करने के डर से नहीं।