असम के कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। यह तब हुआ जब प्रदर्शनकारियों के दो गुट आपस में भिड़ गए और पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। हिंसा में अब तक 2 की मौत और करीब आठ लोगों के घायल होने की खबर है।
इस झड़प और हिंसा के बाद राज्य सरकार ने कार्बी आंगलोंग और वेस्ट कार्बी आंगलोंग जिलों में अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। वहीं असम पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस अखिलेश कुमार सिंह ने कहा कि शांति बहाल करने के लिए अधिकारियों ने वार्ता की और लोगों से कानूनी तरीके से अपनी समस्याएं उठाने का आग्रह किया है। इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है और साथ हल भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
वेस्ट कार्बी आंगलोंग में भड़की हिंसा पर क्या बोले मुख्यमंत्री?
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि मैं वेस्ट कार्बी आंगलोंग में हालात पर करीब से नजर रख रहा हूँ। यह बहुत दुख की बात है कि आज की अशांति के दौरान दो लोगों की जान चली गई। शांति बनाए रखने के लिए कल खेरानी में और सिक्योरिटी फोर्स तैनात की जाएंगी। हम नॉर्मल हालात बहाल करने और बातचीत से मसले सुलझाने के लिए सभी संबंधित लोगों के लगातार संपर्क में हैं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएँ। सरकार सभी प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी रहेगी और हर जरूरी मदद देगी।
I am closely monitoring the situation in West Karbi Anglong. It is deeply painful that two persons lost their lives during today’s unrest.
Additional security forces will be deployed in Kherani tomorrow to maintain peace. We are in constant touch with all concerned to restore…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 23, 2025
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने जला दीं थी दुकानें
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंग्लोंग ऑटोनॉमस काउंसिल यानी केएएसी के चीफ एग्जीक्यूटिव मेंबर और बीजेपी नेता तुलिराम रोंगहांग के पैतृक घर को आग लगा दी थी। इसके अलावा खेरौनी बाजार में करीब 15 दुकानें और कुछ मोटरसाइकिलें जला दी गईं।
असम के वेस्ट कार्बी आंगलोंग में क्यों भड़की हिंसा
यह विवाद आदिवासी इलाकों में जमीन कब्जे को लेकर है। कार्बी आंग्लोंग और पश्चिम कार्बी आंग्लोंग आदिवासी बहुल पहाड़ी जिले हैं, जो कार्बी आंग्लोंग ऑटोनॉमस काउंसिल के अंतर्गत आते हैं। यहां विलेज ग्रेजिंग रिजर्व यानी वीजीआर और प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व यानी पीजीआर नाम की सरकारी जमीनें हैं, जो पशुओं के चरने के लिए हैं। कार्बी आदिवासी संगठनों का लंबे समय से दावा है कि इन जमीनों पर बिहारी, नेपाली और अन्य गैर-आदिवासी परिवारों ने अवैध कब्जा कर लिया है।
लंबे समय से जनजातीय संगठनों की ओर से इन जमीनों से अतिक्रमण हटाने की मांग की जाती रही है। वर्तमान तनाव की शुरुआत पेलांगपी इलाके से मानी जा रही है, जहां बीते दो सप्ताह से नौ लोग भूख हड़ताल पर बैठे थे। उनकी मांग थी कि परिषद क्षेत्र की पीजीआर और वीजीआर भूमि से अवैध कब्जे हटाए जाएं। सोमवार को हालात उस समय बिगड़ गए, जब भूख हड़ताल कर रहे लोगों को वहां से हटाया गया। इसके बाद प्रर्दशकारियों का गुस्सा फूट पड़ा।





