प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लखनऊ में ‘राष्ट्र प्रेरणा स्थल’ का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यों की खुले मंच से सराहना की। पीएम मोदी ने कहा कि जिस जमीन पर बरसों तक कूड़े-कचरे का पहाड़ लगा रहता था, उसे बीते तीन वर्षों में पूरी तरह साफ कर एक भव्य और प्रेरक स्थल में बदल दिया गया है। प्रधानमंत्री ने इस बदलाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वहां काम करने वाले श्रमिकों, कारीगरों और इस पूरी परियोजना से जुड़े लोगों को बधाई दी।
प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी सिर्फ एक स्मारक के उद्घाटन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे योगी सरकार के शहरी विकास मॉडल की राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी स्वीकारोक्ति के रूप में देखा जा रहा है। राष्ट्र प्रेरणा स्थल का निर्माण इस सोच का उदाहरण है कि कैसे शहरों की उपेक्षित और बदहाल भूमि को सार्वजनिक उपयोग और सांस्कृतिक पहचान का केंद्र बनाया जा सकता है।
अटल जी की 65 फीट ऊंची प्रतिमा समर्पित
योगी सरकार के कार्यकाल में यह दूसरा मौका है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण किया है। इससे पहले 25 दिसंबर 2019 को लोकभवन में अटल जी की 25 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का लोकार्पण किया गया था। अब ठीक छह साल बाद, 25 दिसंबर 2025 को अटल जी की जन्म शताब्दी के अवसर पर राष्ट्र प्रेरणा स्थल में उनकी 65 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा राष्ट्र को समर्पित की गई है। अटल बिहारी वाजपेयी का लखनऊ से गहरा राजनीतिक और भावनात्मक जुड़ाव रहा है, जिसे योगी सरकार ने राजधानी के शहरी स्वरूप में एक स्थायी पहचान दी है।
कमल पुष्प के आकार में बना है स्मारक
करीब 65 एकड़ क्षेत्र में विकसित यह राष्ट्र प्रेरणा स्थल कमल पुष्प के आकार में डिजाइन किया गया है। लगभग 230 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इस स्थल में एक विशाल संग्रहालय और एंफीथियेटर भी बनाया गया है, जहां लाखों लोगों के एकत्र होने की क्षमता है। यह परियोजना शहरों की बेकार पड़ी जमीनों को नई पहचान देने की योगी सरकार की नीति का हिस्सा है।
मंच से दिया वैचारिक संदेश
लोकार्पण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधनों में राष्ट्र निर्माण और महापुरुषों के योगदान को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष से की, जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘सियावर रामचंद्र भगवान की जय’ के जयघोष के साथ अपनी बात शुरू की। तीनों नेताओं ने पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को याद करते हुए नई पीढ़ी को उनके विचारों से जुड़ने का आह्वान किया।





