Tue, Dec 23, 2025

AIIMS को सीताराम येचुरी का किया गया देहदान, जानिए बॉडी डोनेशन के बाद क्या होता है?

Written by:Rishabh Namdev
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दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया, वहीं इसके बाद परिजनों ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उनका पार्थिव शरीर अस्पताल को दान कर दिया हैं।
AIIMS को सीताराम येचुरी का किया गया देहदान, जानिए बॉडी डोनेशन के बाद क्या होता है?

गुरुवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के दिग्गज नेता सीताराम येचुरी का निधन हो गया। वहीं इसके बाद उनके परिवार ने एक प्रेरणादायक निर्णय लेते हुए उनके देह को एम्स (AIIMS) को दान करने का फैसला लिया है। दरअसल यह निर्णय न केवल मेडिकल छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए एक अमूल्य योगदान है, बल्कि इससे समाज में भी एक प्रेरणादायक संदेश पहुंचा है।

दरअसल AIIMS अस्पताल ने सीताराम येचुरी के देहदान की पुष्टि की है। वहीं इसे चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान भी बताया है। हालांकि मृत्यु के बाद देहदान की प्रक्रिया के बारे में और इसके महत्व के बारे में भी बहुत से लोगों को जानकारी नहीं होती है। इसीलिए आइए आज इस खबर में हम जानते हैं कि जब किसी का देह दान कर दिया जाता है, तो उसके साथ क्या-क्या होता है और यह समाज को किस प्रकार से लाभ पहुंचाता है।

जानिए डोनेट के बाद देह का क्या होता है?

जानकारी दे दें कि देहदान के बाद की प्रक्रिया में सबसे पहले देह को संरक्षित करने की विधि अपनाई जाती है। बता दें कि इसके लिए फॉर्मालिन नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है, जो शव में उपस्थित बैक्टीरिया और कीटाणुओं को खत्म कर देता है। दरअसल यह केमिकल देह को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में सहायक होता है, जिससे वह जल्दी खराब नहीं होती।

जानिए दान किए गए देहों का क्या उपयोग होता है?

दरअसल देह दान का सबसे मुख्य उद्देश्य चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान ही होता है। जानकारी दे दें कि मेडिकल छात्र इन दान किए गए देहों का उपयोग करके ही मानव शरीर की संरचना, अंगों और विभिन्न प्रणालियों का अध्ययन करते हैं। ऐसे में यह एक प्रेरणादायक निर्णय होता है कि देह को डोनेट कर दिया जाए। दरअसल इससे छात्रों को मानव शरीर की वास्तविक संरचना और उसके कार्यप्रणाली का गहराई से अध्ययन करने का मौका मिलता है।

परिवार को देह लौटाया जाता है या नहीं?

वहीं जब किसी का देहदान किया जाता है, तो उसके परिवार को देह वापस नहीं दिया जाता है। यानी दान किए गए देह का उपयोग पूरी तरह से चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के लिए ही किया जाता है। बता दें कि उपयोग के बाद और देह के खराब होने पर, अस्पताल द्वारा अंतिम संस्कार किया जाता है। हालांकि, कुछ मामलों में, परिवार को देह की अस्थियां भी लौटाई जाती हैं, ताकि वे अपने धार्मिक परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार पूर्ण कर सकें।