संसद के दोनों सदन में “जी राम जी” बिल पारित होने के बाद विपक्षी दलों ने तीव्र विरोध दर्ज कराया है। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद परिसर में बारह घंटे का धरना दिया, जो गुरुवार रात भर चला। टीएमसी सांसदों ने महात्मा गांधी की तस्वीरें हाथ में लेकर प्रदर्शन किया और बिल को जनता विरोधी करार दिया है। विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी कि वे इस मुद्दे को लेकर देशभर में सड़कों पर उतरेंगे और जन आंदोलन करेंगे।
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम चरण में गुरुवार देर रात राज्यसभा में “विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025” ( (VB-G RAM G) ध्वनिमत से पारित हो गया। इससे पहले लोकसभा ने भी इसे मंजूरी दे दी थी। यह बिल 20 साल पुराने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लेगा और ग्रामीण परिवारों को अकुशल मजदूरों को प्रतिवर्ष 125 दिनों का रोजगार प्रदान करेगा।
TMC सांसदों ने रातभर संसद परिसर में धरना दिया
वीबी-जी आरएएमजी विधेयक के संसद में पारित होने के विरोध में गुरुवार की पूरी रात टीएमसी सांसदों ने संसद परिसर में धरना प्रदर्शन किया। विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम को समाप्त कर ग्रामीण गरीबों के रोजगार अधिकार को कमजोर करता है। विधेयक का नाम बदलने को महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने गांधीजी की तस्वीर रखकर सारी रात घरना दिया।
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा कि हम 12 घंटे के लिए धरना दे रहे हैं क्योंकि जनता विरोधी मोदी सरकार ने नरेगा को खत्म कर दिया है, महात्मा गांधी और रवींद्रनाथ टैगोर का अपमान किया है और देश की जनता का भी अपमान किया है। नरेगा देश के ग्रामीण गरीब लोगों के लिए एक सहारा था उसे खतम किया है। मोदी सरकार जिस तरह सदन को चला रही है और लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है, संवैधानिक गणतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रही है हम उसका विरोध कर रहे हैं। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष के विरोध के बावजूद सरकार अपनी मर्जी के कोई भी कानून नहीं बना सकती है और इसीलिए हम अपना विरोध जताते हुए बारह घंटे धरना दे रहे हैं।
प्रियंका गांधी ने कहा विपक्ष बिल का सख्त विरोध करेगा
गुरुवार को लोकसभा में विधेयक पारित होने के बाद प्रियंका गांधी ने भी इसका पुरज़ोर विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक ग्रामीण गरीबों के रोज़गार के अधिकार पर सीधा हमला है। प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि मनरेगा ने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को कठिन समय में आर्थिक सुरक्षा दी, लेकिन नया कानून उस सुरक्षा को अनिश्चित बना देता है। उन्होंने कहा कि इस बिल के अनुसार चालीस प्रतिशत खर्च का भार राज्य सरकार पर पड़ेगा और ऐसी स्थिति में धीरे धीरे योजना समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि पूरा विपक्ष इस बिल का सख्त विरोध करेगा।





