भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ समय से ट्रेड वॉर देखने को मिला था, उसके बाद चीन और अमेरिका के बीच भी इसी तरह का टैरिफ वॉर दिखाई दिया। भारत, चीन और रूस के बीच हुई मुलाकात ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस मुलाकात में भारत और चीन के रिश्तों को नई हवा मिली, हालांकि अब भारत की ओर से चीन पर एक बड़ा एक्शन लिया गया है। गुरुवार को भारत ने चीन से इंपोर्ट होने वाले कुछ स्टील प्रोडक्ट्स पर पांच साल के लिए एंटी डंपिंग ड्यूटी लगा दी है। दरअसल, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज की ओर से जारी किए गए एक नोटिफिकेशन में चीन से कोल्ड रोल्ड नॉन-ओरिएंटेड इलेक्ट्रिकल स्टील के इंपोर्ट पर 223.8 डॉलर प्रति टन का टैरिफ लगाया जाएगा।
दरअसल, गुरुवार देर रात भारत ने चीन से इंपोर्ट होने वाले कई तरह के कोल्ड रोल्ड स्टील पर 223.8 डॉलर प्रति टन से लेकर 414.99 डॉलर प्रति टन तक एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाने का निर्णय किया है। ड्यूटी लगाए गए इन प्रोडक्ट्स में सिलिकॉन इलेक्ट्रिकल स्टील के कोल्ड रोल्ड फ्लैट स्टील प्रोडक्ट्स भी शामिल हैं।
क्या देश की इंडस्ट्रीज को फायदा होगा?
हालांकि इनमें से कुछ प्रोडक्ट्स कॉइल में हों या नहीं, चौड़ाई और मोटाई की परवाह किए बिना इन प्रोडक्ट्स को शामिल किया गया है। दरअसल यह भी एक तरह का इलेक्ट्रिकल स्टील होता है और इस स्टील का इस्तेमाल जनरेटर, छोटे ट्रांसफार्मर और मोटर जैसे इलेक्ट्रिकल उपकरणों में किया जाता है। हालांकि भारत की ओर से कोल्ड रोल्ड फुल हार्ड सिलिकॉन इलेक्ट्रिकल स्टील को एंटी डंपिंग ड्यूटी से बाहर रखा गया है। भारत के इस फैसले से देश की इंडस्ट्रीज को फायदा होगा। दरअसल इससे घरेलू स्टील निर्माताओं को सस्ते आयात से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकेगा। भारत की लोकल इंडस्ट्रीज को इन डंप किए गए उत्पादों के चलते नुकसान झेलना पड़ता है, जिसे देखते हुए स्टील उद्योग की ओर से स्टील प्रोडक्ट्स की कथित डंपिंग की जांच की मांग की गई थी। डीजीटीआर की ओर से भी ड्यूटी लगाने की सिफारिश की गई थी।
क्या होता है एंटी डंपिंग ड्यूटी?
दरअसल एंटी डंपिंग ड्यूटी को समझा जाए तो बता दें कि यह एक प्रकार का शुल्क होता है, जो सरकार विदेशों से आयात होने वाले सामानों पर लगाती है। अगर कोई देश दूसरे देश में सामान कम कीमत पर बेचता है, तो इसका असर उस देश की इंडस्ट्रीज पर पड़ता है। वहां की इंडस्ट्रीज के मुकाबले कम कीमत पर सामान मिलने से लोग आयातित सामान खरीदने लगते हैं। डंपिंग का मतलब है कि घरेलू बाजार में बिकने वाली कीमत से कम कीमत पर सामान का निर्यात किया जाना। इससे निपटने के लिए ही देश द्वारा एंटी डंपिंग ड्यूटी लगाई जाती है। हालांकि डंपिंग की जांच डीजीटीआर की ओर से की जाती है और उसी की ओर से शुल्क लगाने की सिफारिश भी की जाती है।





