Sun, Dec 28, 2025

किस्मत का शहर के नाम से जानी जाती है हिंदुस्तान की ये जगह, बेहद दिलचस्प है वजह

Written by:Sanjucta Pandit
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यह नाम सुनकर लोगों के दिमाग में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों का नाम आएगा। क्योंकि अक्सर लोग इन्हीं शहरों में अपनी किस्मत आजमाने जाते हैं, लेकिन यह जवाब इन सबसे हटकर है।
किस्मत का शहर के नाम से जानी जाती है हिंदुस्तान की ये जगह, बेहद दिलचस्प है वजह

City ​​of Luck : भारत के हर एक शहर को किसी-न-किसी निक नेम से जाना जाता है। हर जगह की अपनी अलग-अलग खासियत होती है। वैसे भी भारत अपने गौरवशाली इतिहास के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां एक से बढ़कर एक टूरिस्ट प्लेस है। एक से बढ़कर एक धार्मिक स्थल है, एक से बढ़कर एक यूनीक चीजें हैं। यहां हर राज्य के अलग-अलग पकवान है, जिनका स्वाद सभी को काफी ज्यादा प्रभावित करता है। यहां का पहनावा-उढ़ावा, रहन-सहन सब कुछ अलग-अलग है। यहां त्योहारों को अलग-अलग महत्व के साथ बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। सभी धर्म के लोग एक-दूसरे से मिलकर एकजुटता के साथ एकता की मिसाल बनकर रहते हैं।

वैसे तो आपने बहुत सारे शहरों के बारे में सुना होगा, जो अलग-अलग इतिहासों के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको उस शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे किस्मत का शहर भी कहा जाता है। यह नाम सुनकर लोगों के दिमाग में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों का नाम आएगा। क्योंकि अक्सर लोग इन्हीं शहरों में अपनी किस्मत आजमाने जाते हैं, लेकिन यह जवाब इन सबसे हटकर है।

City of Luck

ये शहर कहलाता है किस्मत का शहर

दरअसल, यह शहर आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर को कहते हैं जो कि भारत के पूर्वी तट पर प्रमुख शहर के रूप में जाना जाता है। यहां बहुत से लोग बाहर से जॉब करने के लिए भी पहुंचते हैं। पहले इस शहर का नाम Waltair हुआ करता था। समुद्र के किनारे होने के कारण यहां का नजारा बेहद खूबसूरत है जो कि बाकी शहरों से इसे अलग बनाता है। यह व्यापारिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।

जानें इतिहास

इतिहास की बात करें, तो साल 1804 में अंग्रेजों ने शहर पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद वहां पर कई सारे बंगले भी उन्होंने अपने लिए बनवाए थे। वहीं, आजादी के बाद साल 1962 में इंदिरा गांधी पहली बार इस शहर में आई थी। इस दौरान उन्होंने शहर के पहले चिल्ड्रन पार्क का उद्घाटन किया था, जो कि आरके बीच पर मौजूद थी। अब प्रश्न यह उठता है कि इस शहर को कब किस्मत का शहर कहा जाने लगा। तो बता दें कि साल 1970 में जब इंदिरा गांधी देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी तब वह एक बार फिर यहां पहुंची, जब उन्होंने विजाग स्टील प्लांट खोला था। तब इस शहर को नया नाम मिला और तब से ही लोग इसे किस्मत के शहर के नाम से जानने लगे। प्रिंट मीडिया का इसमें बहुत बड़ा रोल रहा है। उन्होंने हाथों-हाथ किस्मत का शहर पंक्ति को प्रकाशित किया। जिसके बाद यह शहर इसी नाम से पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध हो गया।

करें एक्सप्लोर

अगर आप घूमने के लिए यहां जाना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बेस्ट प्लेस हो सकता है। यहां जाकर आपको समुद्री तट के किनारे चलने वाली लहरों का आनंद उठाने का मौका मिलेगा। आप यहां पर बहुत सारे एडवेंचर भी कर सकते हैं। बता दें कि भारतीय रेलवे के लिहाज से भी यह काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि साउथ जाने वाली सभी ट्रेनें विशाखापट्टनम होकर ही जाती है। यहां पर मछली का पालन बहुत अधिक मात्रा में किया जाता है।