यूट्यूबर समय रैना मंगलवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के समक्ष पेश हुए। उन्होंने अपने शो इंडियाज गॉट लैटेंट में महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियों के लिए लिखित माफी प्रस्तुत की। रैना उन 5 सोशल मीडिया प्रभावकों में शामिल थे जो दिव्यांग व्यक्तियों का मजाक उड़ाने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष भी पेश हुए। एनसीडब्ल्यू ने उनके शो में आपत्तिजनक सामग्री को लेकर उन्हें तलब किया था। आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर के समक्ष सुनवाई के दौरान रैना ने अपनी टिप्पणियों पर खेद व्यक्त किया और भविष्य में ऐसी टिप्पणियों से बचने का आश्वासन दिया।
समय रैना ने आयोग के समक्ष यह भी सहमति जताई कि वह ऐसी सामग्री बनाएंगे जो महिलाओं की गरिमा को बनाए रखे और उनके अधिकारों व सम्मान के प्रति जागरूकता फैलाए। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष राहटकर ने रैना को स्पष्ट रूप से कहा कि सार्वजनिक हस्तियों को विशेष रूप से सार्वजनिक मंचों पर महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान दिखाना चाहिए। उन्होंने रैना से अपने काम के माध्यम से लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह किया।
महिलाओं का करें सम्मान
रैना ने आयोग के मार्गदर्शन को स्वीकार करते हुए वादा किया कि वह ऐसी सामग्री बनाएंगे जो महिलाओं का सम्मान करे और सार्वजनिक विमर्श में सकारात्मक योगदान दे। यह सुनवाई फरवरी से बार-बार जारी किए गए समन के बाद हुई क्योंकि रैना और अन्य ने 17 फरवरी को मूल सुनवाई में यात्रा और सुरक्षा संबंधी बाधाओं का हवाला देकर भाग नहीं लिया था। इसके बाद आयोग ने सुनवाई को आगे के लिए टाल दिया जिससे उन्हें भारत लौटकर व्यक्तिगत रूप से पेश होने का समय मिला।
सार्वजनिक रूप से मांगी थी माफी
रिपोर्ट के मुताबिक, विवाद तब शुरू हुआ जब इंडियाज गॉट लैटेंट के क्लिप्स इस साल की शुरुआत में वायरल हुए जिनमें बलात्कार को हल्के में लेने और महिलाओं का वस्तुकरण करने वाली टिप्पणियां थीं। इसके बाद महाराष्ट्र साइबर सेल ने एक प्राथमिकी दर्ज की और एनसीडब्ल्यू ने स्वतः संज्ञान लिया। फरवरी में यूट्यूब सीरीज को हटा लिया गया था। रैना ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए कहा था कि उनकी ओर से कोई अनजाने में हुई क्षति के लिए उन्हें खेद है।




