Sat, Dec 27, 2025

भूमि घोटाला उजागर, फर्जी रिकॉर्ड के जरिए पीएम किसान का अवैध लाभ, पटवारी व लाभार्थी पर FIR के आदेश

Written by:Atul Saxena
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यह मामला न केवल राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग की एक बड़ी मिसाल भी बनकर सामने आया है।
भूमि घोटाला उजागर, फर्जी रिकॉर्ड के जरिए पीएम किसान का अवैध लाभ, पटवारी व लाभार्थी पर FIR के आदेश

Neemuch land fraud case

नीमच जिले की सिंगोली तहसील में राजस्व रिकॉर्ड से जुड़ा एक गंभीर और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें शासकीय भूमि के अभिलेखों में फर्जीवाड़ा कर न केवल खुद को भूमिस्वामी घोषित कराया गया, बल्कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का अवैध लाभ भी उठाया गया।

मामला सिंगोली तहसील के ग्राम बाणदा से जुड़ा है। शिकायत के अनुसार जगदीश पिता बंशीलाल धाकड़ ने वर्ष 2017-18 में तत्कालीन पटवारी प्रकाश जैन से मिलीभगत कर सर्वे नंबर 270/1/15 और 270/1/17 की शासकीय भूमि को बिना किसी सक्षम आदेश या वैध दस्तावेज के अपने एवं अपने पिता के नाम दर्ज करा लिया। जबकि वर्ष 2016-17 तक उक्त भूमि राजस्व रिकॉर्ड में रिक्त दर्ज थी।

कलेक्टर जांच में अवैध राशि का हुआ खुलासा 

शिकायतकर्ता द्वारा यह मामला कलेक्टर नीमच हिमांशु चंद्रा के समक्ष प्रस्तुत किया गया था, जिस पर कलेक्टर ने त्वरित जांच के निर्देश दिए। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) जावद के न्यायालयीन प्रकरण में तहसीलदार सिंगोली से जांच प्रतिवेदन प्राप्त किया गया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि भूमि पर नाम दर्ज कराने के बाद जगदीश धाकड़ ने पीएम किसान सम्मान निधि की 19 किश्तें और सीएम किसान सम्मान निधि की 13 किश्तें, कुल 64 हजार रुपये की राशि अवैध रूप से प्राप्त की।

पटवारी प्रकाश जैन ने रिकॉर्ड में बेईमानी कर पहुंचाया लाभ 

विवेचना में यह भी सामने आया कि तत्कालीन पटवारी प्रकाश जैन ने शासकीय भूमि के रिकॉर्ड में बेईमानी और कपटपूर्वक नाम दर्ज कर लाभ पहुंचाया। इसके आधार पर सर्वे नंबर 270/1/15 एवं 270/1/17 को पुनः शासकीय भूमि घोषित किया गया है। साथ ही जगदीश धाकड़ से 64 हजार रुपये की वसूली के आदेश दिए गए हैं।

पटवारी और लाभार्थी पर FIR के निर्देश 

इसके अलावा, दिनांक 26 दिसंबर 2025 को पारित आदेश में तहसीलदार सिंगोली को निर्देशित किया गया है कि तत्कालीन पटवारी प्रकाश जैन एवं जगदीश पिता बंशीलाल धाकड़ के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 एवं 318 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई जाए। यह मामला न केवल राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है, बल्कि सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग की एक बड़ी मिसाल भी बनकर सामने आया है।

कमलेश सारड़ा की रिपोर्ट