भारतीय महिला शतरंज को एक नई पहचान दिला रही हैं युवा इंटरनेशनल मास्टर दिव्या देशमुख, जिन्होंने फिडे महिला वर्ल्ड कप में इतिहास रचते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली है। एक कठिन मुकाबले में उन्होंने अपनी हमवतन और दिग्गज खिलाड़ी डी. हरिका को टाईब्रेक में 2 0 से हराया। क्लासिकल मुकाबले ड्रॉ रहने के बाद रैपिड टाईब्रेक में दिव्या ने पहला गेम जीतकर बढ़त बनाई और फिर दूसरे गेम में भी जीत हासिल कर मुकाबला अपने नाम किया।
भारतीय महिला शतरंज के लिए भी एक मील का पत्थर
असल में यह जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि भारतीय महिला शतरंज के लिए भी एक मील का पत्थर है। डी. हरिका तीन बार इस प्रारूप में सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी हैं. लेकिन दिव्या ने उन्हें मात देकर नया इतिहास रच दिया। अब भारत की दो खिलाड़ी कोनेरू हम्पी और दिव्या महिला वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी हैं। यह टूर्नामेंट नए विश्व चैंपियनशिप चक्र का हिस्सा है. जिसका सीधा असर महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट पर पड़ेगा।
महिला कैंडिडेट्स टूर्नामेंट से तय होगा कि चीन की मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन जू वेनजुन को चुनौती देने का मौका किसे मिलेगा। कोनेरू हम्पी एक दशक से भारत की शीर्ष रैंकिंग पर बनी हुई हैं पहली बार वर्ल्ड कप के अंतिम चार में पहुंची हैं। अब दिव्या के साथ उनका सेमीफाइनल में आना यह संकेत देता है कि भारतीय महिला शतरंज अब नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है।
दोनों मुकाबलों पर भारत की निगाहें टिकी
सेमीफाइनल में कोनेरू हम्पी का मुकाबला चीन की नंबर 1 खिलाड़ी लेई टिंगजी से होगा। वहीं दिव्या देशमुख पूर्व वर्ल्ड चैंपियन तान झोंगयी से भिड़ेंगी। इन दोनों मुकाबलों पर भारत की निगाहें टिकी होंगी।
अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पातीं
इस ऐतिहासिक जीत के बाद दिव्या देशमुख का एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. जिसमें वह जीत के बाद अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पातीं और रोने लगती हैं। उनकी आंखों में जीत का गर्व और संघर्ष की झलक साफ देखी जा सकती है। यह पल न केवल उनके लिए बल्कि देश के लिए भी बेहद खास बन गया है।





