वैदिक ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, हर एक ग्रह एक निश्चित समय अंतराल के बाद राशि बदलता है ऐसे में ग्रहों की चाल बदलने से योग और राजयोग का निर्माण होता है, जिसका मानव जीवन और 12 राशियों पर बड़ा प्रभाव देखने को मिलता है। इसी क्रम में अक्टूबर में अब देवगुरू बृहस्पति 12 साल बाद अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश कर हंस महापुरूष राजयोग बनाने जा रहे है।
ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों में से गुरू ग्रह का बड़ा महत्व माना गया है। गुरू का कुंडली में भी विशेष महत्व होता है। गुरू ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्मिकता, भाग्य, धन, धर्म के कारक माने जाते है। गुरू धनु और मीन के स्वामी हैं। गुरु ग्रह एक से दूसरी राशि में गोचर करने में लगभग 13 महीने का समय लगाते हैं । वर्तमान में गुरु ग्रह मिथुन राशि में हैं और अक्टूबर 2025 में अपनी उच्च राशि कर्क में प्रवेश करेंगे जिससे हंस महापुरुष राजयोग का निर्माण होगा, जो 3 राशियों के लिए बेहद लकी साबित हो सकता है।
हंस राजयोग का राशियों पर प्रभाव
मिथुन राशि: हंस महापुरुष राजयोग जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है। आकस्मिक धनलाभ की प्राप्ति हो सकती है। जीवन में खुशियां की दस्तक हो सकती है। भाग्य का साथ मिलेगा। आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। शादीशुदा का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। अविवाहितों के लिए विवाह का प्रस्ताव आ सकते है।बेरोजगार को नौकरी मिल सकती है।
तुला राशि : हंस राजयोग का बनना जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। कारोबार में अच्छी तरक्की मिल सकती है। नौकरीपेशा को कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है। तबादले के साथ प्रमोशन का काम पूरा हो सकता है। पिता के साथ संबंध और मजबूत होंगे।बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है। बिजनेस में अच्छा लाभ कमा सकते है।
कन्या राशि: हंस राजयोग का बनना जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। आय में वृद्धि हो सकती है। इस अवधि में निवेश से लाभ मिल सकता हैं।आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाएगी ।अटका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। नौकरी या बिजनेस में तरक्की के रास्ते खुलेंगे। संतान से जुड़ा कोई शुभ समाचार मिल सकता है।परिवार में खुशहाली आएगी।
कर्क राशि : गुरू का गोचर और हंस राजयोग का बनना जातकों के लिए लाभप्रद सिद्ध हो सकता है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। शादीशुदा का वैवाहिक जीवन शानदार रहेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के प्रस्ताव आ सकते है। नौकरी में प्रमोशन के साथ वेतनवृद्धि का लाभ मिल सकता है। बिजनेस में मुनाफा मिल सकता है। स्टूडेंट्स को पढ़ाई में सफलता मिलेगी। समाज में मान- सम्मान बढ़ेगा।
कुंडली में कब बनता है हंस राजयोग
वैदिक ज्योतिष में हंस राजयोग को शुभ माना जाता है।जब किसी की कुंडली में बृहस्पति लग्न हो और यहां से चंद्रमा से पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में कर्क, धनु या मीन राशि में होता हैं तो हंस राजयोग का शुभ योग बनता है। जिस भी जातक की कुंडली में बृहस्पति केंद्र भाव में होकर मूल त्रिकोण स्वगृही और उच्च राशि का होता है तो हंस राजयोग का निर्माण होता है। इस तरह के राजयोग से जातकों के जीवन में अच्छी सफलता, सुख, समृद्धि और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)





