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Sat, Dec 20, 2025

दमोह SP श्रुत कीर्ति सोमवंशी के नाम से बनी फर्जी Facebook ID, साइबर सेल को जांच के निर्देश, लोगों से सतर्क रहने की अपील

Reported by:Dinesh Agarwal|Edited by:Banshika Sharma
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दमोह एसपी के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर साइबर ठगों ने फर्जी फेसबुक आईडी तैयार कर ली। एसपी ने लोगों को इस फेक प्रोफाइल से सतर्क रहने की सलाह दी है और मामले की जांच साइबर सेल को सौंपी है।
दमोह SP श्रुत कीर्ति सोमवंशी के नाम से बनी फर्जी Facebook ID, साइबर सेल को जांच के निर्देश, लोगों से सतर्क रहने की अपील

मध्य प्रदेश के दमोह जिले में साइबर अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब पुलिस विभाग के मुखिया भी उनके निशाने पर हैं। जिले के SP श्रुत कीर्ति सोमवंशी के नाम और फोटो का इस्तेमाल कर एक फर्जी Facebook प्रोफाइल बनाई गई है। इस फर्जी आईडी के जरिए शातिर ठगों ने कई लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भी भेज दी।

सोशल मीडिया पर जब लोगों को SP के नाम और फोटो वाली आईडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट मिली, तो कई लोग इसे असली मान बैठे। आम नागरिकों के लिए जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी से सोशल मीडिया पर जुड़ना एक बड़ी बात थी, इसलिए बड़ी संख्या में लोगों ने रिक्वेस्ट स्वीकार करना शुरू कर दिया। हालांकि, कुछ जागरूक नागरिकों को इस गतिविधि पर संदेह हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफॉर्म्स पर जब इसकी चर्चा की, तो बात SP तक पहुंची।

SP सोमवंशी ने जब अपनी फोटो लगी यह आईडी देखी, तो वे हैरान रह गए। उन्होंने तत्काल स्पष्ट किया कि यह प्रोफाइल पूरी तरह से फेक है और किसी शातिर व्यक्ति द्वारा बनाई गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए SP ने तुरंत विभिन्न माध्यमों से लोगों को सूचित किया कि उनके नाम से बने इस फर्जी अकाउंट से न जुड़ें और न ही कोई बातचीत करें। उन्होंने साफ किया है कि वे इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करा रहे हैं और साइबर सेल को निर्देशित किया गया है कि आरोपी का जल्द से जल्द पता लगाया जाए।

कलेक्टर के नाम पर भी हो चुकी है ठगी की कोशिश

दमोह में किसी शीर्ष अधिकारी के नाम पर फर्जीवाड़ा करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे कुछ दिन पहले ही जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर के साथ भी ऐसी ही घटना हुई थी। तब साइबर अपराधियों ने कलेक्टर की फोटो का इस्तेमाल कर वियतनाम के एक नंबर से WhatsApp अकाउंट बनाया था और लोगों से पैसों की मांग की थी। उस दौरान कलेक्टर की कुछ एडिटेड तस्वीरें भी वायरल की गई थीं। कलेक्टर की शिकायत के बावजूद उस मामले में पुलिस अभी तक अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी है, और अब SP को निशाना बनाया गया है।

गनीमत यह रही कि SP के मामले में शुरुआती दौर में ही फेक आईडी की पोल खुल गई। अगर समय रहते इसका खुलासा न होता, तो आम लोग ठगी का शिकार हो सकते थे या अपराधी इस अकाउंट के जरिए किसी गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम देकर SP की छवि को नुकसान पहुंचा सकते थे।