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Thu, Dec 18, 2025

किसानों के लिए अच्छी खबर, भावांतर योजना में सरसों और मूंगफली भी होगी शामिल, मौसम आधारित बीमा योजना लागू करेगी सरकार

Written by:Atul Saxena
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मंत्री सारंग ने बताया कि गेहूं क्षेत्रफल में मध्य प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान, मक्का क्षेत्रफल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान, चना उत्पादन में द्वितीय स्थान, उड़द उत्पादन में ‌द्वितीय स्थान, मसूर क्षेत्रफल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान पर रहा है।
किसानों के लिए अच्छी खबर, भावांतर योजना में सरसों और मूंगफली भी होगी शामिल, मौसम आधारित बीमा योजना लागू करेगी सरकार

Mustard Peanut CM Dr Mohan Yadav

मध्य प्रदेश सरकार के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि राज्य सरकार भावांतर योजना में किसानों को सरसों और मूंगफली का लाभ भी देने की कार्य-योजना बना रही है। मध्य प्रदेश को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाने के लिये विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश में मौसम आधारित बीमा योजना शीघ्र ही प्रारंभ की जायेगी। मंत्री ने कहा किसानों को उर्वरक उपलब्ध कराने के लिये होम डिलेवरी सेवा भी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार विकसित राष्ट्र @2047 बनाने में पूरी तरह प्रयासरत है। सभी के प्रयासों से वर्ष 2047 की तस्वीर और तकदीर उन्नत होगी।

कैबिनेट मंत्री सारंग ने कहा कि आजादी से पहले भारतीय कृषि अत्यंत पिछड़ी, निम्न उत्पादकता वाली और मानसून पर निर्भर थी। उस समय 85 प्रतिशत आबादी कृषि पर ही निर्भर थी। आजादी के बाद भी भारत की कृषि स्थिति पिछड़ी और वर्षा पर निर्भर थी। बाद में हरित क्रांति 1960 से उच्च उपज वाले बीज, उर्वरक और सिंचाई के उपयोग से खा‌द्यान्न उत्पादन में वृद्धि हुई, जिससे देश खाद्य सुरक्षा के करीब पहुंचा। हरित क्रांति के जनक डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन ने भारत को खा‌द्यान्न आत्मनिर्भर बनाया। श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन व त्रिभुवनदास पटेल (काका पटेल) सहकारिता से दुग्ध क्रांति लाए। नीली क्रांति के जनक डॉ. हिरालाल चैधरी एवं डॉ. अरुण कृष्णन ने मत्स्य उत्पादन को नई दिशा दी।

कृषि क्षेत्र का रकबा बढ़कर 297 लाख हैक्टेयर हो गया

सारंग ने कहा कि हमारी सरकार ने तीनों क्रांतियों को सिंक्रोनाइज करने का काम किया है। इससे कृषि क्षेत्र का रकबा, जो वर्ष 2002-03 में 199 लाख हैक्टेयर था, वह वर्ष 2024-25 में 297 लाख हैक्टेयर हो गया है। उ‌द्यानिकी फसलों का रकबा वर्ष 2002-03 में 4.67 लाख हैक्टेयर था, जो कि वर्ष 2024-25 में 26.36 लाख हैक्टेयर हो गया है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश का एकमात्र राज्य जहां भावान्तर योजना लागू है और इसमें प्रशासनिक व्यय कम कर 1600 करोड़ रुपये बचाए गए।

ई-मंडी प्रांगण की पूरी प्रक्रिया का डिजिटाइज़ेशन हो चुका 

मंत्री सारंग ने कहा कि ई-मंडी प्रांगण की सम्पूर्ण प्रक्रिया का डिजिटाइज़ेशन किया गया है। कृषि अवसंरचना निधि योजना क्रियान्वयन में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर रहा है। सभी 298 उपमंडियों में भी मंडी आरम्भ की गई हैं। उन्होंने कहा कि नमो ड्रोन दीदी योजनांतर्गत आगामी वर्ष में 1066 किसान ड्रोन, महिला स्व-सहायता समूह को प्रदान कर उन्हे स्वावलंबन बनाया जायेगा। नरवाई प्रबंधन अंतर्गत सीबीजी प्लांट के साथ पराली को वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत के रूप में व्यवसायिक मॉडल विकसित किया जा रहा है। वर्ष 2026 को कृषि वर्ष मनाये जाने का निर्णय लिया गया है।

दुग्ध समृ‌द्धि अभियान के जरिये उत्पादन दोगुना करने पर फोकस

मंत्री सारंग ने कहा कि गोपालन से किसानों की आय और गोसंवर्धन पर सरकार काम कर रही है। दुग्ध समृ‌द्धि अभियान के जरिये दुग्ध उत्पादन को दोगुना किया जा रहा है। पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने तथा रोजगार के नये अवसर सृजित करने की दिशा में ठोस कदम उठाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों के हित में एवं सहकारी प्रणाली और सांची ब्राण्ड को उत्तयन (upgrade) करने के उ‌द्देश्य से एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड तथा संबद्ध दुग्ध संघर्षो के संचालन एवं प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश शासन, एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड एवं संबद्ध दुग्ध संघों तथा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के मध्य होने वाले सहकार्यता अनुबंध (कोलेबोरेशन एग्रीमेंट) पर सहमति दी गई तथा अनुबंध निष्पादित करने का निर्णय लिया गया।