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Fri, Dec 19, 2025

कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे बेसहारा, रैन बसेरा खाली, नगर निगम आयुक्त के आदेश हवा में

Written by:Atul Saxena
Published:
शहर के मुख्य मार्ग, स्टेशन परिसर, दुकानों और मंदिरों के बाहर दो दर्जन से अधिक लोग ठंड में ठिठुरते हुए सोते मिले। कुछ सामाजिक लोगों ने मानवता दिखाते हुए कंबल जरूर बांटे, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।
कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे बेसहारा, रैन बसेरा खाली, नगर निगम आयुक्त के आदेश हवा में

homeless sleep under open sky in bitter cold

राजधानी भोपाल सहित उपनगरों में इन दिनों कड़ाके की ठंड ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। रात के समय चल रही सर्द हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया जा रहा है। इस भीषण ठंड में जहां आम लोग घरों में दुबके हुए हैं, वहीं गरीब और बेसहारा लोग सड़कों पर खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। दुर्भाग्य की बात यह है कि इनकी सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा।

नगर निगम द्वारा कम्युनिटी हॉल में अस्थाई रैन बसेरा तो बनाया गया है, लेकिन वह पूरी तरह खाली पड़ा है। इसका मुख्य कारण यह है कि बेसहारा लोगों को वहां तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभाने वाले अधिकारी अपनी भूमिका निभाने में लापरवाही बरत रहे हैं। एक-दो दिन अभियान चलाने के बाद जिम्मेदारी को भुला दिया गया, जिसका खामियाजा गरीबों को भुगतना पड़ रहा है।

तेज ठंड में खुले आसमान के नीचे रात काटने को मजबूर लोग 

बीती देर रात जब शहर का हाल देखने निकले तो शहर के मुख्य मार्ग, स्टेशन परिसर, दुकानों और मंदिरों के बाहर दो दर्जन से अधिक लोग ठंड में ठिठुरते हुए सोते मिले। कुछ सामाजिक लोगों ने मानवता दिखाते हुए कंबल जरूर बांटे, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है। रात्रि 1 से 2 बजे के बीच हालात और भी चिंताजनक नजर आए। कम्युनिटी हॉल में जहां पहले 50 लोगों की व्यवस्था की बात कही गई थी, वहां मात्र 10 पलंग रखे दिखाई दिये। न तो कोई कर्मचारी मौजूद था और न ही पीने के पानी की व्यवस्था। इससे स्पष्ट होता है कि रैन बसेरा केवल औपचारिकता बनकर रह गया है।

नगर निगम आयुक्त के आदेशों की अवहेलना

नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि कोई भी गरीब या बेसहारा व्यक्ति सड़कों पर न सोए और यदि कोई मिले तो उसे तत्काल रैन बसेरे तक पहुंचाया जाए। बावजूद इसके, उनके आदेशों का जमीनी स्तर पर पालन नहीं हो रहा, जिससे प्रशासनिक उदासीनता उजागर होती है। वहीं जनप्रतिनिधियों की चुप्पी और अधिकारियों की लापरवाही के बीच ठंड से जूझ रहे बेसहारा लोगों की स्थिति बेहद दयनीय बनी हुई है। अब जरूरत है कि निर्देशों को कागजों तक सीमित न रखकर जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।

नगर निगम कमिश्नर ने कही ये बात 

नगर निगम कमिश्नर संस्कृति जैन ने कहा कि समय समय पर एएचओ को बताते हैं  कि सड़क पर सो रहे भिखारियों को रैन बसेरा में रात के समय भेजा जाऐ,लेकिन इनसे जबरदस्ती नहीं की जा सकती है। हम लोगों निरंतर लोगों से अपील करेगे कि लोग बाहर सड़कों पर नहीं सोऐ। रैन बसेरा में जिन भी व्यवस्थाओं की कमी है,उन्हे दुरुस्त  किया जाऐगा।

रवि कुमार नथानी की रिपोर्ट