एक दशक में बीजेपी के खजाने में कई गुना बढ़ोत्तरी को लेकर जीतू पटवारी ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ‘ऐसा क्या चमत्कार हुआ कि सरकार में आने के सिर्फ 10 साल में भाजपा के खाते में 295 करोड़ से बढ़कर ₹10,107 करोड़ हो गए? ‘ कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि यह सारा पैसा भाजपा को देश की सार्वजनिक संपत्तियां, बंदरगाह, हवाई अड्डे, खनिज संसाधन, बिजली और जमीन अपने उद्योगपति मित्रों को सौंपने के बदले में मिल रहा है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 2004 से 2024 के बीच बीजेपी और कांग्रेस के बीच फंडिंग का अंतर अकल्पनीय रूप से बढ़ गया है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार में आने के बाद ऐसा क्या हुआ कि बीजेपी का खजाना इतनी तेज़ी से बढ़ता चला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘बीजेपी देश बेचकर खुद की जेब भर रही है और लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है।’
बीजेपी के खजाने में असाधारण बढ़ोत्तरी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
जीतू पटवारी ने भारतीय जनता पार्टी को सवालों के घेरे में लिया है। उन्होंने भाजपा के पार्टी फंड में पिछले दशक में आई भारी बढ़ोत्तरी को सार्वजनिक संपत्तियों की बिक्री और कॉरपोरेट हितों के बदले चंदे से जोड़ा। पटवारी ने बीजेपी और कांग्रेस के खजाने का आंकड़ा साझा किया है:
- 2004: कांग्रेस के पास ₹38 करोड़, BJP के पास ₹88 करोड़ थे
- 2009: कांग्रेस ₹221 करोड़, BJP ₹150 करोड़
- 2014: कांग्रेस ₹390 करोड़, BJP ₹295 करोड़
- 2019: कांग्रेस ₹315 करोड़, BJP ₹3,562 करोड़
- 2024: कांग्रेस ₹133 करोड़, BJP ₹10,107 करोड़
उन्होंने पूछा कि “सत्ता में आने के मात्र 10 वर्षों में भाजपा का फंड 295 करोड़ से बढ़कर ₹10,107 करोड़ कैसे हो गया? यह क्या चमत्कार है?” इसी के साथ उन्होंने कहा कि जब एक दल के पास 10,107 करोड़ हों और विपक्ष के पास 133 करोड़, तो सवाल चुनाव जीतने का नहीं रहता। सवाल यह होता है कि क्या लोकतंत्र में विचारों की प्रतिस्पर्धा बची है या सिर्फ धनबल का वर्चस्व है।
जीतू पटवारी ने बीजेपी पर लगाए आरोप
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कभी अटल बिहारी वाजपेयी बैलगाड़ी से चुनाव लड़ते थे, आज भाजपा नेता प्राइवेट जेट में घूमते हैं। उन्होंने कहा कि देश के 700 से ज्यादा जिलों में फाइव-स्टार सुविधाओं वाले भव्य भाजपा कार्यालय बन चुके हैं। नेताओं की पीआर टीमों, इवेंट्स और भीड़ जुटाने पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पैसा सार्वजनिक संपत्तियों जैसे बंदरगाह, एयरपोर्ट, खनिज संसाधन, बिजली और जमीन को उद्योगपति मित्रों को सौंपने के एवज में मिल रहा है। ” जीतू पटवारी ने कहा कि यह सौदा कानूनी रूप से वैध हो सकता है, लेकिन लोकतांत्रिक नैतिकता के लिए खतरनाक है।” उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की ताकत बड़े ऑफिस, प्राइवेट जेट या कॉरपोरेट सहारे से नहीं, बल्कि अवसरों की समानता, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा और सत्ता-पूंजी के बीच दूरी से आंकी जाती है। ” कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि आज भाजपा देश बेचकर अपनी जेब भर रही है और लोकतंत्र का चीरहरण कर रही है।





