बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों और कर्मियों के लिए काम की खबर है। पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत सभी कोटि के शिक्षकों कर्मियों को अपनी चल और अचल संपत्ति के साथ-साथ अपने वित्तीय दायित्वों (कर्ज आदि) का पूरा ब्योरा 31 दिसंबर 2025 तक देने के निर्देश दिए हैं। जो शिक्षक अपनी संपत्ति का विवरण पोर्टल या संबंधित कार्यालय में जमा नहीं करेंगे, उनका जनवरी 2026 महीने का वेतन अटक सकता है।
बता दें कि सामान्य प्रशासनिक विभाग के अंतर्गत आने वाले बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के निर्देश पर राज्य के सभी विभागों में कार्यरत समूह ‘क’ सहित अन्य श्रेणियों के सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक अपनी चल और अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा देना अनिवार्य कर दिया गया है। चूंकि सरकारी शिक्षक भी इन्हीं श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं, इसलिए शिक्षा विभाग ने अब इसे कड़ाई से लागू करने का फैसला किया है और 20 दिसंबर 2025 को इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया हैं।
किन शिक्षकों को देना होगा चल–अचल संपत्ति का विवरण
शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, यह नियम किसी एक विशेष वर्ग के लिए नहीं, बल्कि राज्य के सभी सरकारी शिक्षकों पर समान रूप से प्रभावी होगा। यह नियम प्रधानाध्यापक, विशिष्ट शिक्षक, विद्यालय अध्यापक एवं नियोजित शिक्षकों पर लागू होगा। किसी भी स्तर या श्रेणी के शिक्षक को इस अनिवार्य प्रक्रिया से छूट नहीं मिलेगी। सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र के सभी शिक्षकों तय समय में विवरण प्राप्त करें।यह व्यवस्था राज्य सरकार की पारदर्शिता नीति के तहत लागू की गई है।
कैसे और क्या देना है जानकारी
- शिक्षकों को अपनी संपत्ति की जानकारी देने के लिए विभाग ने एक निश्चित प्रारूप तय किया है।
- विवरण A-4 साइज के सादे कागज पर कम्प्यूटर से टाइप करके देनी होगा।
- शिक्षकों को अपनी चल संपत्ति (नकद, बैंक बैलेंस, वाहन, आभूषण आदि) और अचल संपत्ति (भूमि, मकान, फ्लैट आदि) की पूरी जानकारी देनी होगी।
- यदि शिक्षक पर किसी प्रकार का वित्तीय दायित्व या कर्ज है, तो उसका भी स्पष्ट उल्लेख करना होगा।
- संबंधित अनुलग्नकों के साथ यह विवरण कुल तीन पन्नों का होगा। प्रत्येक पृष्ठ के निचले हिस्से में शिक्षक का हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। बिना हस्ताक्षर के दस्तावेज को अमान्य माना जाएगा।
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