राजधानी दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अब धनी तबके के लोगों को मेट्रो की सवारी करने के लिए प्रेरित करने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए सुविधाओं में वृद्धि की जाएगी ताकि वह आसानी से यात्रा कर सकें। अब 6 बोगियों वाली मेट्रो ट्रेन में एक लग्जरी कोच भी जोड़ा जाएगा। मेट्रो स्टेशनों पर लग्जरी कैब भी तैनात किए जाएंगे जो घर या दफ्तर छोड़ने का काम करेंगे।
जानकारी के मुताबिक मेट्रो में बढ़ाई जाने वाली इस सुविधा का किराया यात्रियों से लिया जाएगा। इस अतिरिक्त शुल्क के जरिए मेट्रो में सामान्य लोगों के लिए सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिश की जाएगी। इस संबंध में केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए जानकारी दी।
रोज 35 लाख लोग करते हैं सफर
मंत्री ने बताया कि इस पहल से दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा। वाहन कम निकलेंगे तो धुंआ भी काम होगा जिससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। रोजाना 35 लाख लोग दिल्ली मेट्रो का उपयोग करते हैं और लगभग 65 लाख राइड होती है।
मंत्री ने कहा सोचिए अगर मेट्रो ना होती तो दिल्ली में प्रदूषण का क्या स्तर होता। उन्होंने कहा कि पिछले 20 सालों से दिल्ली परेशान है लेकिन किसी ने इसे संभाला नहीं। सड़क से लेकर परिवहन और कचरा निस्तारण तक की समस्या देखने को मिल रही है।
Delhi’s Lifeline Receives Another Major Boost!
Under the chairmanship of Hon’ble PM Shri @narendramodi Ji, the Union Cabinet has approved three new corridors (R.K Ashram Marg to Indraprastha, Aerocity to IGD Airport T-1, Tughlakabad to Kalindi Kunj) under Delhi Metro Phase-VA,… pic.twitter.com/DihHzel3ME
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 24, 2025
हो रहा मेट्रो का विस्तार
शहरी विकास मंत्रालय द्वारा हर महीने दिल्ली सरकार के साथ बैठक की जा रही है। इस बैठक के जरिए समस्याओं का निवारण करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान में दिल्ली-एनसीआर में 400 किलोमीटर से लंबी लाइन का काम चल रहा है।
मंत्री ने बताया कि हम जल्दी एक स्थान पर सबसे लंबी लाइन के मामले में शिकागो के पीछे छोड़ देंगे। देश भर में 1100 किलोमीटर मेट्रो लाइन है और 800 किलोमीटर का निर्माण चल रहा है। 400 किलोमीटर पूरा होते ही हम किसी देश में सर्वाधिक लंबे मेट्रो लाइन नेटवर्क के मामले में अमेरिका से आगे निकल जाएंगे।





