Mon, Dec 29, 2025

इंदौर कोर्ट का सख्त रुख, पीएमटी फर्जीवाड़े में 12 दोषियों को 5-5 साल की सजा

Written by:Bhawna Choubey
Published:
व्यापम घोटाले से जुड़े पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े में इंदौर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा और कड़ा फैसला सुनाया है। डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा दिलाने वाले 12 दोषियों को जेल भेजते हुए कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।
इंदौर कोर्ट का सख्त रुख, पीएमटी फर्जीवाड़े में 12 दोषियों को 5-5 साल की सजा

व्यापम घोटाले से जुड़े पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े में इंदौर स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा और कड़ा फैसला सुनाया है। डमी कैंडिडेट बैठाकर परीक्षा दिलाने वाले 12 दोषियों को जेल भेजते हुए कोर्ट ने साफ संदेश दिया है कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा।

मध्य प्रदेश के सबसे चर्चित भर्ती घोटालों में शामिल पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े पर इंदौर स्थित सीबीआई अदालत ने आखिरकार सख्त फैसला सुना ही दिया है। लंबे समय से चल रहे इस मामले में अदालत ने 12 आरोपियों को दोषी मानते हुए सभी को 5-5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही हर दोषी पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

पीएमटी परीक्षा फर्जीवाड़े का मामला क्या था?

यह पूरा मामला मध्य प्रदेश की पीएमटी यानी प्री-मेडिकल टेस्ट परीक्षा से जुड़ा बताया जा रहा है, जो 2008 से 2012 के बीच आयोजित हुई परीक्षाओं में सामने आया था। इस संगठित फर्जीवाड़े का खुलासा साल 2013 में हुआ, जिसे बाद में देशभर में व्यापमं घोटाले के नाम से जाना गया। जांच में सामने आया कि असली अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडिडेट्स से परीक्षा दिलवाई गई थी। इस पूरे रैकेट में मूल अभ्यर्थी, उनके स्थान पर परीक्षा देने वाले फर्जी परीक्षार्थी और पूरी व्यवस्था कराने वाले बिचौलिये शामिल थे।

इंदौर की अदालत का सख्त रुख

इस मामले की सुनवाई इंदौर सीबीआई की विशेष अदालत में हुई, जहां विशेष न्यायाधीश शुभ्रा सिंह ने सभी पक्षों की दलीलें विस्तार से सुनीं। कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा कि यह अपराध केवल कानून तोड़ने का नहीं है, बल्कि उन युवाओं के भविष्य के साथ अन्याय है, जो ईमानदारी से पढ़ाई कर परीक्षा की तैयारी करते हैं। अदालत ने यह भी माना कि इस तरह के अपराध शिक्षा व्यवस्था की नींव को हिला देते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने सभी 12 दोषियों को 5-5 साल की कठोर सजा सुनाई और उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए।

कहां-कहां के हैं दोषी?

इस केस में दोषी ठहराए गए 12 आरोपियों में से चार आरोपी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, जबकि आठ आरोपी उत्तर प्रदेश से संबंध रखते हैं। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि इस गिरोह का नेटवर्क राज्य की सीमाओं से बाहर तक फैला हुआ था। इस मामले में एक आरोपी नाबालिग भी था, जिसकी सुनवाई पहले ही किशोर न्याय बोर्ड के तहत अलग से की जा चुकी है।