Thu, Dec 25, 2025

महेश्वर में खुलेगा पर्यटन का नया रास्ता, ओंकारेश्वर-महेश्वर-धामनोद फोरलेन से बदलेगी तस्वीर

Written by:Bhawna Choubey
Published:
ओंकारेश्वर से महेश्वर होते हुए धामनोद तक बनने वाली फोरलेन सड़क मालवा-निमाड़ के पर्यटन को नई रफ्तार देगी। यात्रा आसान होगी, समय बचेगा और गांवों के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को भी बड़ा फायदा मिलेगा।
महेश्वर में खुलेगा पर्यटन का नया रास्ता, ओंकारेश्वर-महेश्वर-धामनोद फोरलेन से बदलेगी तस्वीर

मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में पर्यटन को नई ऊंचाई देने की तैयारी तेज हो गई है। सरकार अब धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर सड़कों से जोड़ने पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में ओंकारेश्वर से महेश्वर होते हुए धामनोद तक फोरलेन सड़क बनाने का फैसला लिया गया है। यह सिर्फ एक सड़क परियोजना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के पर्यटन, व्यापार और गांवों के विकास की नींव मानी जा रही है।

अब तक ओंकारेश्वर और महेश्वर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों तक पहुंचने में यात्रियों को समय और परेशानी दोनों झेलनी पड़ती थी। लेकिन फोरलेन सड़क बनने के बाद न सिर्फ यात्रा आसान होगी, बल्कि पर्यटकों की संख्या भी तेजी से बढ़ेगी। इसका सीधा असर स्थानीय लोगों की आजीविका और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।

मालवा-निमाड़ टूरिस्ट सर्किट को मजबूत करेगी फोरलेन सड़क

मालवा-निमाड़ का इलाका पहले से ही धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टि से बेहद समृद्ध है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, महेश्वर का किला और अहिल्याबाई होल्कर की विरासत, साथ ही मांडू का ऐतिहासिक वैभव ये सभी स्थान देशभर के पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। लेकिन अब तक इन स्थलों के बीच सड़क कनेक्टिविटी कमजोर रही है।

सरकार ने इंदौर-उज्जैन और इंदौर-खंडवा मार्ग को पहले ही सिक्स लेन और फोरलेन में बदलने का काम शुरू कर दिया है। अब बड़वाह से धामनोद तक 62 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क बनाकर इस पूरे टूरिस्ट सर्किट को मजबूत किया जा रहा है। इस परियोजना पर करीब 2500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इस सड़क के बनने से ओंकारेश्वर, महेश्वर और मांडू के बीच यात्रा एक सहज अनुभव बन जाएगी। पर्यटक अब एक ही यात्रा में कई धार्मिक और पर्यटन स्थलों को देख सकेंगे।

ओंकारेश्वर से महेश्वर की दूरी होगी कम

फिलहाल ओंकारेश्वर से महेश्वर पहुंचने में यात्रियों को डेढ़ से दो घंटे तक का समय लग जाता है। कई जगह सड़क सिंगल लेन है, जिससे ट्रैफिक जाम और धीमी रफ्तार आम बात है। खासकर बड़वाह से महेश्वर के बीच करीब दस किलोमीटर का हिस्सा बेहद संकरा है, जहां वाहनों की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं हो पाती।

फोरलेन सड़क बनने के बाद यही दूरी एक घंटे से भी कम समय में पूरी की जा सकेगी। वाहन 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा उन श्रद्धालुओं को मिलेगा, जो इंदौर से ओंकारेश्वर दर्शन के लिए आते हैं और महेश्वर भी जाना चाहते हैं। अब वे एक ही दिन में दोनों स्थानों के दर्शन कर वापस लौट सकेंगे।

महेश्वर पर्यटन को मिलेगा सीधा फायदा

महेश्वर पहले से ही अपने ऐतिहासिक किले, नर्मदा घाट, हैंडलूम साड़ियों और अहिल्याबाई होल्कर की विरासत के लिए जाना जाता है। लेकिन सड़क कनेक्टिविटी कमजोर होने के कारण कई पर्यटक यहां आने से बचते थे या समय की कमी के चलते महेश्वर को अपनी यात्रा सूची से बाहर कर देते थे।

फोरलेन सड़क बनने के बाद महेश्वर पर्यटन को सीधा फायदा मिलेगा। ओंकारेश्वर आने वाले श्रद्धालु अब महेश्वर को भी अपनी यात्रा में शामिल करेंगे। इससे होटल, धर्मशाला, गाइड, नाविक, हस्तशिल्प विक्रेता और स्थानीय दुकानदारों की आय बढ़ेगी।

100 से ज्यादा गांवों से होकर गुजरेगा मार्ग, विकास की नई उम्मीद

बड़वाह से धामनोद तक बनने वाली यह फोरलेन सड़क 100 से ज्यादा गांवों को जोड़ती है। नांद्रा, कतरगांव, धरगांव, छोटी खरगोन, जलूद मंडलेश्वर जैसे कई गांव सीधे इस मार्ग पर बसे हुए हैं। चूंकि यह पूरा क्षेत्र नर्मदा घाटी में आता है, इसलिए यहां ज्यादा बायपास बनाना संभव नहीं है।

इसी कारण सड़क चौड़ी करने के लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए भू-अर्जन का बजट भी स्वीकृत कर दिया है। हम मानते हैं कि यह प्रक्रिया संवेदनशील है, लेकिन यदि इसे पारदर्शी और न्यायपूर्ण तरीके से किया गया, तो गांवों के विकास का रास्ता भी खुलेगा। सड़क के आसपास बसाहट बढ़ेगी, जमीनों के भाव बढ़ेंगे और गांवों में नई सुविधाएं आएंगी। स्कूल, अस्पताल, बाजार और छोटे उद्योगों को भी बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा।