भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अगस्त में एक और बैंक के खिलाफ सख्ती दिखाई है। आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड पर 75 लाख रूपये जुर्माना लगाया गया है। कार्रवाई का आदेश आरबीआई ने बैंक को 7 अगस्त 2025 को जारी किया था। इस पर “सम्पत्तियों का मुल्यांकन- मूल्यांकनकर्ताओं पर पैनल” और “बैंकों द्वारा चालू खाता खोलना अनुशासन की आवश्यकता” पर निर्देशों का पालन न करने का आरोप है।
मार्च 2024 को बैंक के फाइनेंशियल स्टेटस को चेक करने के लिए आरबीआई ने एक निरीक्षण किया था। इस दौरान नियमों में अनदेखी का खुलासा हुआ। बैंक को एक कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। आगे भी जांच की गई। इस दौरान दी गयी मौखिक प्रस्तुतियों और दस्तावेजों के आधार पर आरोपों की पुष्टि हुई। इसके बाद बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 के प्रावधानों के तहत पेनल्टी लगाने का फैसला लिया गया।
इन नियमों का हुआ उल्लंघन?
आईसीआईसीआई बैंक ने कुछ बंधक लोन में में स्वतंत्र मूल्यांकन द्वारा संपत्तियों का मूल्यांकन नहीं करवाया। इसके अलावा मौजूदा नियामक आवश्यकताओं का उल्लंघन करते हुए कुछ चालू खाते खोले और इनका रखरखाव भी किया।
क्या यह ग्राहकों के लिए चिंता का विषय?
यह कार्रवाई नियमों के अनुपालन में खामियों पर पर आधारित है। इसका प्रभाव बैंक और ग्राहकों के बीच हो रहे किसी भी लेनदेन या एग्रीमेंट की वैधता पर प्रभाव डालना नहीं है। इस बात की पुष्टि केंद्रीय बैंक ने अपने नोटिफिकेशन में दी है। भविष्य में होने वाली अन्य कार्रवाई पर पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इस हफ्ते आरबीआई ने 6 बैंको पर जुर्माना लगाया है। इस लिस्ट में द सोनपथ सेंट्रल को-ऑपरेटिव (हरियाणा), द गोमती नागरीय सहकारी बैंक लिमिटेड (जौनपुर,यूपी), अंडमान एंड निकोबार स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, द कटिहार डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (बिहार), द चनस्मा नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड (पाटन, गुजरात) और द रायगंज सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पश्चिम बंगाल) शामिल हैं।





