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Sun, Dec 21, 2025

छत्तीसगढ़ कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले, नवा रायपुर में बनेगी अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी

Written by:Saurabh Singh
Published:
बैठक में सबसे बड़ा फैसला नवा रायपुर के ग्राम परसदा में क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की एकेडमी स्थापित करने को लेकर हुआ। इसके लिए 7.96 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को आवंटित की गई है।
छत्तीसगढ़ कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले, नवा रायपुर में बनेगी अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी

छत्तीसगढ़ सरकार की कैबिनेट बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में प्रदेश के सभी मंत्री शामिल हुए। बैठक खत्म होने के तुरंत बाद सीएम साय दो दिवसीय दौरे पर दिल्ली रवाना हो गए। कैबिनेट में खेल, खनन, भूमि और राजस्व से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।

क्रिकेट एकेडमी

बैठक में सबसे बड़ा फैसला नवा रायपुर के ग्राम परसदा में क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की एकेडमी स्थापित करने को लेकर हुआ। इसके लिए 7.96 एकड़ भूमि छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ को आवंटित की गई है। सरकार का कहना है कि इस फैसले से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को ट्रेनिंग के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं मिल सकेंगी।

अवैध खनन पर सख्ती

कैबिनेट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे अवैध खनन और रेत परिवहन पर नकेल कसने के लिए सख्त निर्णय लिए हैं। रेत खदानों के आवंटन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। अब खदानों का आवंटन इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के जरिए किया जाएगा। इसके पीछे मकसद पारदर्शिता लाना और राजस्व में वृद्धि करना है। सरकार का दावा है कि इससे आम लोगों को सस्ती दरों पर रेत मिल सकेगी और पर्यावरणीय नियमों का पालन भी सुनिश्चित होगा।

खनिज न्यास नियमों में बदलाव

बैठक में प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना 2024 की संशोधित गाइडलाइंस के तहत राज्य के जिला खनिज न्यास संस्थान नियम, 2015 में बदलाव का फैसला लिया गया। अब न्यास की राशि का कम से कम 70% हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास, महिला-बाल कल्याण और वृद्धजन कल्याण आदि पर खर्च किया जाएगा।

कृषि भूमि की दर निर्धारण में बदलाव

राज्य सरकार ने ग्रामीण कृषि भूमि की बाजार दरों की गणना के तरीके में भी बदलाव किया है। अब 500 वर्गमीटर तक के भूखंडों की दर हटाकर पूरी जमीन की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। सरकार का मानना है कि इससे भूमि सौदों में पारदर्शिता आएगी और पिछली परियोजनाओं में सामने आई अनियमितताओं से बचा जा सकेगा।