छत्तीसगढ़ में वोट चोरी का मुद्दा गरमाया हुआ है, जहां कांग्रेस ने ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ रैली के जरिए भाजपा सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया। जवाब में, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए गंभीर आरोप लगाए। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस वोट चोरी के खिलाफ रैली तो कर रही है, लेकिन मतदाता सूची शुद्धिकरण के लिए चल रहे विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) का विरोध कर रही है, जो उनके दोहरे मापदंड को दर्शाता है।
रायपुर के सर्किट हाउस में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शर्मा ने दस्तावेजों के साथ दावा किया कि कवर्धा और रायपुर के विधानसभा क्षेत्रों में कई लोगों ने गलत जानकारी देकर दो-दो पोलिंग बूथों पर अलग-अलग एपिक नंबरों के साथ वोटर लिस्ट में नाम दर्ज कराए। उन्होंने विशेष रूप से पूर्व कांग्रेस मंत्री मोहम्मद अकबर पर इन अनियमितताओं के लिए उंगली उठाई। शर्मा ने कहा कि कई उम्रदराज लोगों ने प्रथम बार मतदाता के रूप में फॉर्म भरा, जो संदेहास्पद है। उन्होंने इन मामलों को न्यायालय में ले जाने की बात भी कही।
शर्मा ने कांग्रेस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
शर्मा ने कांग्रेस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ वे वोट चोरी का विरोध करते हैं, लेकिन एसआईआर का विरोध करके खुद कटघरे में खड़े हैं। उन्होंने रायपुर के एक मकान में 350 मतदाताओं के नाम गलत तरीके से दर्ज होने का हवाला दिया और पूछा कि कांग्रेस इस शुद्धिकरण प्रक्रिया का विरोध क्यों कर रही है। शर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट का वोट चोरी का आरोप उनकी हार को छिपाने का बहाना है। उन्होंने सुझाव दिया कि कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए।
राहुल गांधी पर देश को गुमराह करने का आरोप
उपमुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि गलत तरीके से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने वालों के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की गई है और उनके खिलाफ एफआईआर सहित दंडात्मक कार्रवाई होगी। उन्होंने राहुल गांधी पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि गलत मतदाताओं को सूची से हटाना जरूरी है। यह विवाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया तनाव पैदा कर रहा है, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर लोकतंत्र को कमजोर करने का इल्जाम लगा रही हैं।





