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Sat, Dec 20, 2025

डबरा पुलिस पर थाने में युवक के साथ बेरहमी से मारपीट का आरोप

Written by:Shruty Kushwaha
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डबरा पुलिस पर थाने में युवक के साथ बेरहमी से मारपीट का आरोप

डबरा, सलिल श्रीवास्तव। पुलिस द्वारा अपराधियों की मारपीट आम बात है, पर कई बार पुलिस हद पार कर जाती है। ताजा मामला डबरा सिटी थाने का है जहां आर्म्स एक्ट के तहत एक युवक से पुलिस ने कितनी बेरहमी से मारपीट की। जेल में जब जेलर ने उसके चोट के निशान देखे तो उसे जेल के अंदर ना लेते हुए दोबारा मेडिकल कराने के डबरा सिटी हॉस्पिटल भेज दिया, जहां युवक ने अपनी आपबीती मीडिया को सुना दी।

मीडिया में आते ही मामले ने तूल पकड़ लिया और अब अधिकारी इससे पल्ला झाड़ रहे हैं। युवक का आरोप है कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है और थाना प्रभारी ने उसके साथ मारपीट की है। बता दें कि मंगलवार को शिवम शर्मा निवासी रामगढ़ रोड डबरा पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था जिसे बुधवार को उप जेल डबरा भेजा गया, जहां आरोपी ने जेलर को थाना प्रभारी द्वारा मारपीट की पूरी घटना की जानकारी दे दी। इस पर जेलर ने तुरंत आरोपी को दोबारा मेडिकल के लिए सिविल हॉस्पिटल भेजा जहाँ आरोपी ने पूरी घटना की जानकारी मीडिया के सामने बयान कर दी।

आरोपी ने सिटी थाना प्रभारी के डी कुशवाहा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे झूठे केस में फसाया जा रहा है जबकि मैंने खुद हंड्रेड डायल और सिटी थाने में पदस्थ आरक्षक को खुद फोन लगाया था कि कुछ लोग यहां पर दंगा फसाद कर रहे हैं। पुलिस के आने पर सभी लोग भाग गए तो पुलिस ने मुझे ही पकड़कर मेरी जेब में कुछ जिंदा कारतूस डाल दिए और थाने ले आई, जहां मेरे साथ टीआई साहब और दो पुलिस वालों ने बेरहमी से मारपीट की जबकि मैं एक अस्थमा का मरीज हूं। आरोपी का कहना है कि मैंने अपनी बीमारी के बारे में और पूरी घटना की जानकारी टीआई साहब को बताई पर उन्होंने मुझ पर बिल्कुल भी रहम नहीं किया और मेरे साथ बेरहमी से मारपीट करने लगे।

जब इस मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयराज कुबेर से बात की तो वह पुलिस का पक्ष लेते नजर आए और मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। उनका कहना था कि इस मामले की जांच की जाएगी, इतना कहकर वह चुप हो गए। मेडिकल करने वाले डॉक्टर से आरोपी के शरीर पर चोट के निशान के बारे में पूछना चाहा तो डॉक्टर भी कुछ कहने से बचते दिखे। यहाँ मेडिकल भी संदेह के घेरे में है क्योंकि जब जेल में किसी अपराधी को भेजा जाता है तो उसका मेडिकल भी कराया जाता है। याह ऐसा प्रतीत होता है कि सुबह के मेडिकल में कुछ कमी ज़रूर रही होगी यही कारण रहा की जेलर ने उसे दोबारा जांच के लिए भेजा।