एमपी के दमोह जिले से फिर एक बार मानवता को शर्मसार करने वाली खबर आई जिसने सिस्टम की पोल खोल दी, देर रात एक प्रसव पीड़ा से तड़पती गर्भवती महिला के लिए अस्पताल का दरवाजा नहीं खुला, चौकीदार ने उसे लौटा दिया जिसके बाद दर्द से कराहती महिला को परिजन घर ले गए जहाँ उसने एक बच्चे को जन्म दिया, जानकारी कलेक्टर तक पहुंची और उन्होंने जब पूरा घटनाक्रम मालूम किया तो अफसरों को कड़ी फटकार लगाई, उन्होंने कहा है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी, किसी की नौकरी जाएगी, वेतन रोका जाएगा, निलंबित किया जायेगा, डॉक्टर का बांड भी बढ़ाया जायेगा।
गाँव गाँव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा सरकार की हकीकत दमोह के रनेह से सामने आई जब अस्पताल पहुंची गर्भवती के लिए दरवाजे ही नहीं खोले गए, अस्पताल में ना डॉक्टर थे ना नर्स, चौकीदार ने गेट ही नहीं खोला, परिजन मिन्नतें करते रहे, महिला की प्रसव पीड़ा का हवाला देते रहे लेकिन अस्पताल का दरवाजा नहीं खुला, परिजन उसे घर वापस ले जाने के लिए मजबूर हुए और आखिरकार महिला ने अपने घर के बाहर बच्चे को जन्म दे दिया, गनीमत है कि इस घटनाक्रम में बच्चा और उसकी मां दोनों सुरक्षित है।
ये मामला जिले के रनेह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है , इस केंद्र पर बीती रात प्रसव पीड़ा से तड़प रही इसी रनेह गांव की रहने वाली 27 साल की गर्भवती महिला रामप्यारी रैकवार को उसके परिजन लेकर पहुंचे, महिला को तेज दर्द था और उसे इलाज की दरकार थी। अस्पताल के गेट पर परिजन चिल्लाते रहे आवाज लगाते रहे लेकिन उनकी किसी ने नहीं सुनी, काफी देर बाद अस्पताल का गार्ड आया और उसने बाहर से ही महिला को ले जाने के लिए कहा और बताया कि अस्पताल में कोई स्टाफ नहीं है जो महिला का प्रसव करा सके।
अस्पताल के चौकीदार ने नहीं खोला गेट, कराहती रही गर्भवती
परिजन घर लौटकर उसे हटा या दमोह ले जाने की तैयारी करने लगे लेकिन दर्द से कराह रही महिला ने घर के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया। आसपास के लोगों को जब ये बात मालूम चली तो वो रनेह के अस्पताल पहुंचे और उन्होंने पता किया तो यहां सिर्फ गार्ड राहुल असाटी ही था जिसने मरीज को वापस जाने के लिए कहा। ये घटनाक्रम कैमरे में कैद हुआ है। पीड़ित महिला के परिजनों के मुताबिक अस्पताल के गेट पर अन्दर से ताला लगा था कोई बाहर नहीं निकला और जब गार्ड आया तो उसने बताया कि डिलीवरी कराने की स्टाफ नहीं है और मजबूरन वो महिला को लेकर वापस आए।
किसी की नौकरी जाएगी, किसी का वेतन रुकेगा, डॉक्टर का बांड बढ़ेगा
सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला के साथ हुए व्यवहार की शिकायत कलेक्टर सुधीर कोचर तक पहुंची, कलेक्टर ने जब जानकारी हासिल की तो उन्हें बहुत गुस्सा आया, उन्होंने बीएमओ को रनेह अस्पताल जाकर हालात देखने और रिपोर्ट देने के निर्देश दिए, बीएमओ ने घटनाक्रम पर मुहर लगाई जिसके बाद कलेक्टर एन बड़ा एक्शन लिया है। डीएम सुधीर कोचर ने पूरे घटनाक्रम को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए बताया है कि इस मामले में दोषियों में से कुछ को नौकरी से बाहर किया जाएगा वहीं स्टाफ सस्पेंड किया जा रहा है, वेतन रोका जायेगा, वहीं इस अस्पताल के डाक्टर का बांड प्रीरियड बतौर सजा बढ़ाया जाएगा, वेतन भी रोका जायेगा।
दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट





