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Sat, Dec 20, 2025

शूटिंग के समय क्यों इस्तेमाल होती है Green Screen, क्या है हरे पर्दे के पीछे छिपा सच

Written by:Shruty Kushwaha
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शूटिंग के समय क्यों इस्तेमाल होती है Green Screen, क्या है हरे पर्दे के पीछे छिपा सच

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आपने टीवी या फिल्मों में बड़े बड़े लड़ाई के, एक्सीडेंट, हॉरर या थ्रिलर सीन देखे होंगे और मन में ये खयाल जरुर आया होगा कि इन्हें फिल्माते कैसे हैं। कई बार किसी शूटिंग की जगह पर हरे पर्दे का उपयोग होते भी देखा होगा। अक्सर ही टीवी में न्यूज़ एंकर के पीछे या किसी सीरियल-फिल्म की शूटिंग की जगह पर बैकग्राउंड में हरा पर्दा दिखता है। इसे क्यों लगाया जाता है और इसकी जगह किसी और रंग का उपयोग आखिर क्यों नहीं होता है।

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जब कोई शूटिंग रियल लोकेशन पर न हो या फिर एडिटिंग के समय उसमें कुछ और लोकेशन या बैकग्राउंड जोड़ना हो तो शूटिंग के समय हरे पर्दे (Green screen) या फिर कभी कभी नीले रंग (Blue screen) का भी का इस्तेमाल किया जाता है। हरे रंग में ये आसान होता है क्योंकि सॉफ्टवेयर की माध्यम से वीडियो में इफेक्ट्स डाले जा सके। ग्रीन स्क्रीन के ऊपर शूटिंग कर ली जाती है और फिर VFX कम्पोज़िटिंग सॉफ्टवेयर के मदद से उस स्थान पर CGI बैकग्राउंड लगा दिया जाता है। कहा जाता है कि हरा रंग किसी भी अन्य रंग के मुकाबले रोशनी को तेजी से समाहित करता है। इतना ही नहीं, सूरज की रोशनी को हरा रंग तेजी से एब्ज़ॉर्ब करता हैं। ये भी माना जाता है कि हरा और नीला रंग ही है जो इंसान के शरीर के किसी भी अंग के रंग से नहीं मेल नहीं खाता है।

आज हम आपके लिए एक वीडियो लेकर आए हैं जिसमें रील लोकेशन और रीयल लोकेशन का फर्क समझ में आएगा। शूटिंग के समय अक्सर ऐसे डमी लोकेशन पर सीन्स शूट कर लिए जाते हैं और बाद में कम्यूटर ग्राफिक्स की सहायता से उसे तब्दील कर दिया जाता है। आजकल बहुत एडवांस एडिटिंग सॉफ्टवेयर आ चुके हैं इसलिए दर्शकों को बिल्कुल अंदाजा भी नहीं हो पाता कि जो वो देख रहे हैं उसके पीछे की असल कहानी कुछ और है। इस तरह ग्रीन स्क्रीन बहुत सारी सच्चाई के पीछे का वो पर्दा है, जो कभी नहीं हटता।