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Tue, Dec 16, 2025

मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ कांग्रेस का संसद में जोरदार प्रदर्शन, प्रियंका गांधी ने बताया “बीजेपी की सनक”, केंद्र सरकार पर योजना खत्म करने का आरोप

Written by:Shruty Kushwaha
मोदी सरकार MGNREGA के स्थान पर नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने जा रही है। इसे शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया है और बिल की कॉपी सोमवार को लोकसभा सांसदों को वितरित कर दी गई है। लेकिन कांग्रेस ने इस नए विधेयक का जमकर विरोध किया है। विपक्ष ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताते हुए कहा कि वो इसके खिलाफ पुरज़ोर आवाज़ उठाएंगे।
मनरेगा का नाम बदलने के खिलाफ कांग्रेस का संसद में जोरदार प्रदर्शन, प्रियंका गांधी ने बताया “बीजेपी की सनक”, केंद्र सरकार पर योजना खत्म करने का आरोप

Priyanka Gandhi

मनरेगा की जगह नया कानून लाने के विरोध में आज कांग्रेस सांसदों ने संसद में मकर द्वार के बाहर ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी ने इसे मोदी सरकार की ‘सनक’ करार दिया। उन्होंने कहा कि “जब भी किसी योजना का नाम बदला जाता है तो उसमें करोड़ों खर्च होते हैं। ये योजना महात्मा गांधी के नाम पर है और नाम बदलकर उनका अपमान किया जा रहा है। जब मनरेगा का कानून बना तो इसी सदन में सबकी सहमति थी।” उन्होंने कहा कि बीजेपी सबसे गरीब मजदूरों का अधिकार छीनना चाहती है।

प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ योजना का नाम परिवर्तन नहीं कर रही, बल्कि वो धीरे से इसे समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि नए विधेयक में सरकार ने केंद्र द्वारा 90 प्रतिशत दी जाने वाली राशि को कम कर दिया है और राज्यों पर अधिक व्यय वहन करने का भार डाल दिया है। वहीं, अब काम का निर्धारण भी केंद्र द्वारा किया जाएगा और इससे योजना का मूल उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।

कांग्रेस ने ‘मनरेगा’ का नाम बदलने के विरोध में किया प्रदर्शन

मनरेगा का नाम बदलकर “विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन – ग्रामीण” ( VB-G RAM G ) रखने के विरोध में आज कांग्रेस ने संसद में ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया। प्रियंका गांधी ने इसे मोदी सरकारी की सनक बताते हुए कहा कि वो इस पूरी योजना को बंद करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा का मजदूर देश में सबसे गरीब मज़दूर है और बीजेपी उन्हें दिए गए कानूनी अधिकार को समाप्त करना चाहती है।

प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

प्रियंका गांधी ने कहा कि पहली नज़र में सिर्फ ये नज़र आ रहा है कि सरकार योजना का नाम बदल रही है और इसके दिन बढ़ाकर 125 किए जा रहे हैं। लेकिन अगर ठीक से देखा जाए तो दो-तीन ऐसे विषय है जिनसे ये योजना न सिर्फ कमजोर होती है, बल्कि समाप्त भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि “भाजपा सरकार ने एक सौ पच्चीस दिन बढ़ाने की बात की है लेकिन मजरदूरों की कमाई बढ़ाने की कोई बात नहीं की गई है। आज भी अलग अलग प्रदेशों में लोगों को मजदूरों को मनरेगा का बकाया पैसा नहीं मिला है। सरकार अब तक पिछली राशि ही नहीं दे पाई हैं तो बढ़े हुए दिनों की राशि कैसे देगी। वहीं, पहले नब्बे प्रतिशत राशि वहन करना केंद्र की जिम्मेदारी होती थी। अब नए विधेयक में सरकार चाहती है कि केंद्र की हिस्सेदारी कम हो जाए और राज्य चालीस प्रतिशत राशि वहन करे। ऐसे में गरीब प्रदेश उस बढ़ी हुई राशि को वहन ही नहीं कर पाएंगे। और अगर राज्य सरकार पैसा नहीं दे पाएगी तो योजना समाप्त हो जाएगी।”

सरकार पर मजदूरों के अधिकार छीनने का आरोप

कांग्रेस सांसद ने कहा कि योजना के तहत क्या काम होना है अभी वो लोकल लेवल पर निर्धारित होता है। लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद केंद्र सरकार निर्धारित करेगी कि क्या काम होगा। इससे जो अधिकार पंचायतों को दिया गया था वो खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सारे अधिकार केंद्र के पास आ जाएंए और प्रदेश के ऊपर अधिक राशि की जिम्मेदारी डाल दी जाएगी। प्रियंका गांधी ने सवाल किया कि गांव में अभी भी मनरेगा के मजदूरों को पूरा पैसा नहीं मिल पा रहा है..ऐसे में एक सौ पच्चीस दिन की राशि कैसे मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में ये योजना समाप्त होकर बाकी अन्य साधारण सरकारी योजनाओं की तरह हो जाएगी। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि मनरेगा के तहत ग्रामीण जनता को जो अधिकार दिया गया है, मोदी सरकार उसे खत्म करना चाहती है।