पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शातिर लोगों ने बड़े ही संगठित तरीके से काम किया, उन्होंने योजना में मृत्यु के बाद मिलने वाली बीमा राशि के दो लाख रुपये लेने के लिए मृतकों को जिंदा बताकर पहले बीमा का प्रीमियम भरा फिर उसके बाद उसे मृतक बताया गया। इन लोगों ने मृतकों के ना सिर्फ स्थान तक बदले बल्कि उनके प्रदेश तक बदल दिए, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृत्यु प्रमाणपत्र हासिल कर लिए और फिर बीमा कम्पनियों से राशि निकाल ली, ग्वालियर EOW ने इसका खुलासा किया है, मामले की जाँच अभी जारी है ।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ग्वालियर (EOW) में फरवरी में एक शिकायत पहुंची जिसमें जिसमें राशि निकालने की बात कही गई थी। जब जाँच शुरू हुई तो अधिकारी हैरान रह गए। जाँच में परतें खुलने लगीं ग्वालियर चंबल संभाग के जिलों में ऐसा गिरोह सक्रिय दिखा जो पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना निकालने में माहिर था वो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर क्लेम निकाल रहा था, बता दें कि पीएम जीवन ज्योति योजना में बीमा राशि तब मिलती है जब व्यक्ति का बीमा उसके मरने से कम से कम एक माह पहले कराया गया हो।
जाँच में इसमें विभिन्न बीमा कंपनियों ऐसे में अब तक करीब तक 1500 से ज्यादा केस सामने आए जिनमें अधिकतर फर्जी हैं, अनुमान है कि घोटाले की राशि करोड़ों में हो सकती है। पूरे मामले में ठगी का बड़ा नेटवर्क शामिल होने की संभावना जताई जा रही है जिसमें बीमा एजेंट से लेकर सरकरी कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
अभी 20 करोड़ का क्लेम भुगतान आया सामने
शुरुआती जांच में EOW को मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी द्वारा अभी तक 325 प्रकरण एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस द्वारा 679 प्रकरणों कुल 1004 क्लेम प्रकरणों के दस्तावेज मिले है, जिनमें लगभग 20 करोड़ रुपये का भुगतान मिला है। शेष कंपनियों से जानकारी रिकार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान ईओडब्लू ने ग्वालियर, भिंड और मुरैना के पांच-पांच केसों को अपनी जांच में लिया है। जिसमें फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है।
ऐसे करते थे काम
ईओडब्लू एसपी दिलीप सिंह तोमर के मुताबिक आरोपियों द्वारा जिनमें कुछ बीमा एजेंट हैं उन्होंने पंचायत सचिव से मिलकर ऐसे व्यक्तियों की तलाश की जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। उनके परिजनों को बीमा राशि अथवा सरकार से सहायता के नाम पर मूल दस्तावेज प्राप्त किए। मृतक को जीवित दिखाकर उसका बैंक एकाउंट खोला। पुनः फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र तैयार कराकर बीमा क्लेम प्राप्त किया है।
ये गिरोह के कर्ताधर्ता
EOW के मुताबिक इस संगठित गिरोह में जिग्नेश प्रजापति, दीपमाला मिश्रा, विवेक दुबे एवं अन्य व्यक्ति शामिल हैं , जांच अभी जारी है EOW ने कुल 8 बीमा कम्पनियों से वर्ष 2020 से 2024 की अवधि में उन प्रकरणों की जानकारी मांगी है जिनका बीमा क्लेम 2 लाख रुपये नॉमिनी को दिया गया हो। ईओडब्ल्यू का मानना है कि इसमें कुछ चौंकाने वाले नाम और चौंकाने वाले आंकड़े सामने आएंगे।
यहाँ हुआ फर्जीवाड़ा
ग्वालियर में जीवित व्यक्तियों नदीम, इरशाद, नसीमा, सिमरन, कृष्णा शंखवार के जीवित रहते हुए नगर निगम ग्वालियर से फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाकर मैक्स लाइफ इंश्योरेंस से प्रत्येक प्रकरण में 2-2 लाख रुपये का बीमा क्लेम छलपूर्वक प्राप्त किया गया।
मुरैना में अरुण कुशवाह, राजाबेटी, सीमाबाई, कल्याण महौर, सुनीताबाई की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, उनको जीवित बताकर उनका प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकरण कर उनका पुनः फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से प्रत्येक प्रकरण में 2-2 लाख रुपये का बीमा क्लेम निकाल लिया ।
भिंड में बलवीर सिंह राठौर, लक्ष्मण श्रीवास(जिंदा) शशी विमल, मंजूबाई, अरविंद उक्त व्यक्तियों में से 4 की मृत्यु पूर्व में हो चुकी थी, उनका प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में पंजीकरण कर उनका पुनः फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनाकर जिन्दा लक्ष्मण श्रीवास को भी फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाकर एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से प्रत्येक प्रकरण में 2-2 लाख रुपये का बीमा क्लेम निकाल लिया ।
ये है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना
इस योजना की शुरुआत 2015 में शुरू हुई, योजना के तहत बीमा कराने के लिये साल भर में मात्र 436 रुपये प्रीमियम देना होता है। इसके लिए 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग के व्यक्ति पात्र हैं। सामान्य मृत्यु पर भी इसमें दो लाख रुपये बीमा क्लेम मिलता है।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट





