कल से हरियाणा विधानसभा का विंटर सेशन शुरू हो रहा है। वहीं इस विंटर सेशन से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई है। यह कैबिनेट मीटिंग चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर होगी। बैठक से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी सभी विधायकों से उनके द्वारा दिए गए प्रश्नों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा मुख्यमंत्री अपने सहयोगी मंत्रियों से भी विंटर सेशन को लेकर रणनीति पर विचार करेंगे। इस मीटिंग में विधायकों के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली भी शामिल होंगे।
दरअसल, इस मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री की ओर से विधायकों के लिए डिनर का आयोजन भी किया गया है। पार्टी ने तय किया है कि नायब सैनी सदन में फ्रंट फुट पर पार्टी की रणनीति को सामने रखेंगे। हालांकि इसके लिए भी विधायक दल के साथ इस मीटिंग में मंथन किया जाएगा।
22 दिसंबर तक सत्र चलने की संभावना
हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की भी एक बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में सत्र की अवधि तय की जाएगी। हालांकि 22 दिसंबर तक सत्र चलने की संभावना जताई जा रही है, जिसमें शनिवार और रविवार को बीच में दो दिन का अवकाश रहेगा। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सरकार को घेरने की योजना बनाई गई है। हालांकि अब विधायक दल की बैठक में भाजपा भी इस बात पर रणनीति बना सकती है कि विपक्ष के हमलों का जवाब किस प्रकार से देना है। इसी को लेकर हरियाणा सरकार की ओर से शीतकालीन सत्र से पहले यह मीटिंग बुलाई गई है। सरकार की ओर से प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुई फसलों का मुआवजा भी शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले ही किसानों के खातों में डाल दिया गया है।
कानून व्यवस्था पर घेर सकती है कांग्रेस
राज्य में ऐसे कई बड़े मामले हैं, जिन पर कांग्रेस भाजपा को घेर सकती है। बता दें कि रोहतक के गांव लाखनमाजरा में बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक की प्रैक्टिस के दौरान मृत्यु हो गई थी। इस मुद्दे पर भी कांग्रेस भाजपा को घेर सकती है। हालांकि सरकार की ओर से वहां के जिला खेल अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था। सरकार कानून व्यवस्था में सुधार को लेकर आंकड़े सामने रख सकती है। हरियाणा में पिछले दो महीनों में करीब 9000 अपराधियों को जेल भेजा जा चुका है, जबकि धन घोटालों में भी हरियाणा सरकार की ओर से अधिकारियों व मिलन के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री उन सवालों पर चर्चा कर सकते हैं, जो सदन में विपक्ष द्वारा उठाए जा सकते हैं।





