आजकल बाजार में दांतों को मोती जैसा सफेद और मजबूत बनाने का दावा करने वाले कई महंगे टूथपेस्ट मौजूद हैं. इसके बावजूद, बड़ी संख्या में लोग मसूड़ों की सूजन, दांत दर्द, झनझनाहट (Sensitivity), सांसों की बदबू और समय से पहले दांत हिलने जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं. आधुनिक जीवनशैली में हम उन पारंपरिक तरीकों से दूर हो गए हैं, जो दांतों की सेहत के लिए रामबाण माने जाते थे.
पुराने समय में नीम की दातून, लौंग और हल्दी का उपयोग आम था, जिससे लोगों के दांत लंबी उम्र तक स्वस्थ रहते थे. इसी तर्ज पर, घर पर ही आसानी से उपलब्ध प्राकृतिक सामग्रियों से एक असरदार टूथपाउडर तैयार किया जा सकता है. यह न केवल रसायनों से मुक्त है, बल्कि मसूड़ों और दांतों की कई बीमारियों में राहत भी देता है.
नेचुरल टूथपाउडर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
इस हर्बल मंजन को तैयार करने के लिए आपको रसोई और आसपास आसानी से मिलने वाली कुछ चीजों की जरूरत होगी:
मुख्य सामग्री: नीम की छाल का पाउडर, त्रिफला पाउडर, हल्दी, सेंधा नमक, पिसी हुई फिटकरी और लौंग का पाउडर.
बेस ऑयल: तिल का तेल या सरसों का तेल.
मात्रा का ध्यान रखें: नीम पाउडर, त्रिफला, हल्दी, सेंधा नमक और फिटकरी को बराबर मात्रा में लें. वहीं, लौंग की तासीर गर्म और तीखी होती है, इसलिए इसका पाउडर केवल आधा चम्मच ही काफी है.
तैयार करने की विधि
इस मंजन को बनाना बेहद आसान है. सबसे पहले सभी ठोस सामग्रियों (नीम, त्रिफला, हल्दी, नमक, फिटकरी, लौंग) को अलग-अलग बारीक पीसकर पाउडर बना लें. इसके बाद इन सभी को एक बड़े बर्तन में चम्मच की सहायता से अच्छी तरह मिला लें ताकि यह एकसार हो जाए. तैयार मिश्रण को किसी एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करके रख लें. नमी से बचाने पर यह लंबे समय तक खराब नहीं होता.
इस्तेमाल का तरीका: सुबह ब्रश करते समय हथेली पर थोड़ा सा पाउडर लें और इसमें कुछ बूंदें तिल या सरसों के तेल की मिलाएं. उंगली या ब्रश की मदद से इससे दांतों और मसूड़ों की सफाई करें.
क्यों फायदेमंद है यह घरेलू नुस्खा?
इस टूथपाउडर में शामिल हर सामग्री का अपना वैज्ञानिक और औषधीय महत्व है:
लौंग: दांत दर्द में लौंग का तेल या पाउडर बेहद असरदार माना जाता है. यह दांतों के इनेमल (Enamel) की रक्षा करता है और ठंडा-गर्म लगने की समस्या को कम करता है.
फिटकरी: यह दांतों पर जमा जिद्दी प्लाक को हटाने में मदद करती है, जिससे दांत साफ और चमकदार बनते हैं.
हल्दी: अपने एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण हल्दी मसूड़ों की सूजन, दर्द और किसी भी तरह के संक्रमण को कम करने में सहायक है.
त्रिफला: यह आयुर्वेद की एक प्रमुख औषधि है जो मसूड़ों को मजबूती देती है, खून आने की समस्या (Bleeding Gums) को रोकती है और मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखती है.
डिस्क्लेमर: ऊपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।





