आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खानपान ने लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से घेर लिया है। जंक फूड और प्रोसेस्ड खाने की लत, साथ ही कम शारीरिक गतिविधि के कारण मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल से जुड़ी बीमारियां आम हो गई हैं। ऐसे में लोग अब दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय सुरक्षित और प्राकृतिक तरीकों की तलाश कर रहे हैं। इसी कड़ी में ‘पोर्टफोलियो डाइट’ (Portfolio Diet) को इन दिनों प्लांट-बेस्ड डाइट का नया सुपरस्टार कहा जा रहा है।
यह डाइट विशेष रूप से खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और दिल को स्वस्थ रखने के लिए डिजाइन की गई है। इसमें साबुत अनाज, फल, सब्जियां, सोया प्रोटीन और नट्स जैसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं।
क्या है पोर्टफोलियो डाइट और इसकी शुरुआत?
पोर्टफोलियो डाइट कोई आम डाइट नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक रूप से तैयार की गई आहार योजना है। इसकी शुरुआत साल 2003 में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरोंटो (University of Toronto) के डॉ. डेविड जेनकिंस ने की थी। उनका मुख्य उद्देश्य एक ऐसा तरीका खोजना था, जिससे लोग बिना दवाइयों के केवल अपने खानपान में बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर सकें।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार, इस डाइट में शामिल फूड्स वास्तव में कोलेस्ट्रॉल कम करने में असरदार साबित हुए हैं। नट्स, सोया, घुलनशील फाइबर और प्लांट स्टेरॉल जैसे तत्व अपने-अपने तरीके से एलडीएल (LDL) को कम करते हैं। जब इन्हें एक साथ खाया जाता है, तो इनका असर और भी बेहतर होता है।
रिसर्च के नतीजे: 10 साल की स्टडी का दावा
इस डाइट के प्रभाव को समझने के लिए कई शोध किए गए हैं। 2025 की एक स्टडी में 439 हाई-कोलेस्ट्रॉल वाले मरीजों पर रिसर्च की गई। इन मरीजों को 10 साल तक फॉलो किया गया। नतीजों में पाया गया कि इन लोगों में न केवल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर कम हुआ, बल्कि दिल की बीमारियों का खतरा भी घटा। अच्छी बात यह रही कि इस दौरान शरीर में विटामिन के स्तर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा।
पोर्टफोलियो डाइट के 4 प्रमुख स्तंभ
यह डाइट मुख्य रूप से चार तरह के प्लांट-बेस्ड फूड्स पर आधारित है, जिन्हें रोजाना की डाइट में शामिल करना होता है:
1. प्लांट स्टेरॉल्स (रोजाना 2 ग्राम): ये आंतों में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करते हैं। इन्हें स्टेरॉल युक्त मार्जरीन, दही ड्रिंक्स और फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस के जरिए लिया जा सकता है।
2. घुलनशील फाइबर (10-20 ग्राम): फाइबर पाचन और दिल के लिए अच्छा होता है। इसके लिए ओट्स, जौ (बार्ले), बीन्स, सेब, नाशपाती, बेरीज, भिंडी और इसबगोल (Psyllium) का सेवन किया जा सकता है।
3. सोया प्रोटीन (25-50 ग्राम): यह प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत है। इसमें टोफू, एडामामे, सोया मिल्क और वेजिटेबल सोया बर्गर शामिल हैं।
4. नट्स (30-45 ग्राम): इनमें हेल्दी फैट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। बादाम, अखरोट और पिस्ता इसके अच्छे विकल्प हैं।
डाइट को फॉलो करने का तरीका
शुरुआत में इस डाइट को अपनाना थोड़ा मुश्किल लग सकता है, लेकिन एक बार रूटीन बन जाने पर यह आसान हो जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस डाइट में मीट और फुल-फैट डेयरी उत्पादों से दूर रहने की सलाह दी जाती है। मात्रा को सही रखने के लिए शुरुआत में मापने वाले कप (measuring cups) का इस्तेमाल किया जा सकता है।
दिनभर का एक नमूना मेन्यू:
- सुबह: ओटमील के साथ सोया मिल्क, बादाम और बेरीज।
- दोपहर: जौ (बार्ले) का सलाद जिसमें चने, एवोकाडो और स्टेरॉल युक्त ड्रेसिंग हो।
- स्नैक: मिक्स नट्स या सेब के साथ पीनट बटर।
- रात: टोफू स्टियर-फ्राई जिसमें भिंडी, बैंगन जैसी सब्जियां हों और साथ में ब्राउन राइस।
यह डाइट प्लान न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि शरीर को अंदर से भी मजबूत बनाता है। हालांकि, किसी भी नई डाइट को शुरू करने से पहले डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ की सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।
डिस्क्लेमर: ऊपर दी गई जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्रोतों से प्राप्त की गई है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।





