शिमला में मंगलवार शाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स की ज्वाइंट एक्शन कमेटी के बीच हुई बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक शाम 5:30 से 6:30 बजे तक चली, जिसमें मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों नेताओं पर दर्ज चार्जशीट से असहमति जताते हुए उन्हें तुरंत वापस लेने के आदेश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदर्शन और बैठक करना कर्मचारियों का अधिकार है और सरकार इन अधिकारों में कटौती नहीं करेगी।
मुख्यमंत्री ने बिजली बोर्ड में नई नियुक्तियों के लिए नई भर्ती नीति बनाने की बात कही और विशेष रूप से फील्ड स्टाफ की शीघ्र भर्ती का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और अक्टूबर तक का समय मांगा। उन्होंने बिजली बोर्ड प्रबंधन को पेंशनर्स की लंबित लीव इनकैशमेंट और ग्रेच्युटी की शीघ्र अदायगी के आदेश भी दिए।
बिजली बोर्ड से जुड़े मुद्दों पर बनेगी कर्मचारी-अधिकारी कमेटी
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बिजली बोर्ड से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और समाधान के लिए कर्मचारियों और अधिकारियों की एक संयुक्त कमेटी गठित की जाएगी। बैठक के दौरान फ्रंट के पदाधिकारियों ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थायी नीति बनाए जाने की भी मांग रखी, जिसे मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया।
बैठक में अधिकारी व कर्मचारी प्रतिनिधि रहे मौजूद
इस अहम बैठक में ऊर्जा सचिव राकेश कंवर, विशेष सचिव शुभकरण, प्रबंध निदेशक संदीप कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। वहीं ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से संयोजक हीरालाल वर्मा, लोकेश ठाकुर, एएस गुप्ता, इंजीनियर एसएन कपूर, डीके गुप्ता, कुलदीप खरवाड़ा, कामेश्वर दत्त शर्मा, डीएस डटवालिया, नरेंद्र ठाकुर, मनोहर धीमान और टीआर गुप्ता सहित कई कर्मचारी प्रतिनिधि शामिल हुए।





