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Thu, Dec 18, 2025

हिमाचल विधानसभा में अहम विधेयक पेश, अब राजस्व सेवाएं होंगी ऑनलाइन, सरकारी योजना में अड़चन डालना अपराध

Written by:Neha Sharma
Published:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्य सरकार ने विकास कार्यों और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े तीन अहम विधेयक पेश किए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हिमाचल प्रदेश लोक उपयोगिता प्रतिषेध विधेयक 2025 है।
हिमाचल विधानसभा में अहम विधेयक पेश, अब राजस्व सेवाएं होंगी ऑनलाइन, सरकारी योजना में अड़चन डालना अपराध

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सोमवार को राज्य सरकार ने विकास कार्यों और प्रशासनिक सुधारों से जुड़े तीन अहम विधेयक पेश किए। इनमें सबसे महत्वपूर्ण हिमाचल प्रदेश लोक उपयोगिता प्रतिषेध विधेयक 2025 है। इस विधेयक के तहत अब यदि कोई भू-मालिक सरकारी योजना के लिए दी गई जमीन पर अड़चन डालता है तो उसे छह महीने तक की कैद और दो हजार से दस हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकेगा। सरकार का कहना है कि इस प्रावधान से सार्वजनिक उपयोग के लिए दी गई जमीन पर अनावश्यक विवाद और देरी खत्म होगी और विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सकेगा।

हिमाचल विधानसभा में अहम विधेयक पेश

दूसरा महत्वपूर्ण विधेयक रजिस्ट्रीकरण विधेयक 2025 है, जिसे शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सदन के पटल पर रखा। इस विधेयक का उद्देश्य राजस्व सेवाओं को अधिक पारदर्शी और सरल बनाना है। इसमें अब ऑफलाइन सेवाओं के साथ-साथ ऑनलाइन सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। प्रावधानों में डिजिटल हस्ताक्षर और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थिति दर्ज करने की सुविधा भी जोड़ी गई है। सरकार का मानना है कि इन सुधारों से लोगों का समय बचेगा और भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा।

विधानसभा में पंचायती राज संशोधन विधेयक 2025 भी पेश किया गया। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह की अनुपस्थिति में उद्योग मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने इसे सदन में रखा। इस संशोधन के जरिए पंचायती राज व्यवस्था को नए केंद्रीय कानूनों के अनुरूप ढालने का प्रयास किया गया है। इसमें भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह क्रमशः भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य संहिता को शामिल किया गया है। सरकार का कहना है कि इन बदलावों से कानून व्यवस्था में एकरूपता आएगी और पंचायत स्तर पर न्यायिक प्रक्रियाएं सुगम होंगी।

सरकार का दावा है कि इन तीनों विधेयकों से राज्य में विकास कार्यों की रफ्तार बढ़ेगी और जनता को आधुनिक एवं सरल सेवाएं मिलेंगी। एक ओर जहां लोक उपयोगिता विधेयक से सार्वजनिक परियोजनाओं में कानूनी अड़चनों को दूर किया जाएगा, वहीं रजिस्ट्रीकरण विधेयक से राजस्व सेवाओं में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, पंचायती राज संशोधन से स्थानीय निकायों को नए कानूनों के तहत काम करने में सुविधा होगी।