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Thu, Dec 18, 2025

हिमाचल का इतिहास पढ़ेंगे बच्चे, 5वीं से 9वीं कक्षा के लिए बोर्ड अलग से तैयार करेगा पाठ्यपुस्तक

Written by:Neha Sharma
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हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब बच्चों को अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास से भी पढ़ाई के दौरान परिचित कराया जाएगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 5वीं से 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए नई पाठ्यपुस्तक तैयार कर रहा है।
हिमाचल का इतिहास पढ़ेंगे बच्चे, 5वीं से 9वीं कक्षा के लिए बोर्ड अलग से तैयार करेगा पाठ्यपुस्तक

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में अब बच्चों को अपने राज्य के गौरवशाली इतिहास से भी पढ़ाई के दौरान परिचित कराया जाएगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड 5वीं से 9वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विशेष रूप से ‘हिमाचल का इतिहास’ नामक नई पाठ्यपुस्तक तैयार कर रहा है। यह पहल शिक्षा मंत्री के साथ होने वाली बैठक के बाद अंतिम रूप लेगी, जिसमें तय होगा कि यह पाठ्यक्रम किन कक्षाओं में और किस रूप में लागू किया जाएगा। बोर्ड के अनुसार, यह पुस्तक किसी अध्याय के रूप में नहीं, बल्कि एक अलग संपूर्ण पाठ्यपुस्तक के रूप में होगी।

हिमाचल का इतिहास पढ़ेंगे बच्चे

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने 16 मई 2024 को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में बोर्ड अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के बच्चों को हिमाचल के इतिहास की गहन जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा था कि पाठ्यक्रम में संशोधन कर ऐसे विषय शामिल किए जाएं, जो प्रदेश की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक धरोहर को दर्शाएं, ताकि नई पीढ़ी अपने राज्य की विरासत से जुड़ सके।

शिक्षा मंत्री के इन निर्देशों पर अमल करते हुए बोर्ड ने पाठ्यपुस्तक तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए विषय विशेषज्ञों को शामिल कर हिमाचल के इतिहास से जुड़े महत्त्वपूर्ण विषयों का चयन किया जा रहा है। इस पुस्तक में प्रदेश के प्राचीन इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, सांस्कृतिक परंपराएं, स्थापत्य कला, प्राकृतिक संपदा और विभिन्न क्षेत्रों की विशिष्टताओं को शामिल किए जाने की संभावना है। उद्देश्य यह है कि छात्र केवल तथ्यों को न पढ़ें, बल्कि राज्य के अतीत और पहचान को समझें।

स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव डॉ. मेजर विशाल शर्मा ने बताया कि इस ‘हिमाचल का इतिहास’ पुस्तक का प्रारूप तैयार किया जा रहा है, जिसे 5वीं से 9वीं कक्षा तक पढ़ाए जाने की योजना है। हालांकि, अंतिम निर्णय शिक्षा मंत्री के साथ प्रस्तावित बैठक में लिया जाएगा। यह कदम न केवल बच्चों के ज्ञान को बढ़ाएगा, बल्कि उनमें अपने राज्य के प्रति गर्व और जुड़ाव की भावना भी विकसित करेगा।