हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पांच शक्तिपीठों में शनिवार को नवरात्र की नवमी पर श्रद्धालुओं का भारी सैलाब उमड़ पड़ा। चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी देवी और चामुंडा देवी मंदिरों में कुल मिलाकर करीब 1 लाख 22 हजार श्रद्धालुओं ने मइया के चरणों में शीष नवाया। दिनभर मंदिरों में मइया के जयकारों की गूंज सुनाई देती रही। श्रद्धालु देश के विभिन्न राज्यों से मां के दर्शनों को पहुंचे और दिल खोलकर चढ़ावा अर्पित किया। अष्टमी के दिन चार शक्तिपीठों में भक्तों ने कुल 50 लाख 71 हजार 788 रुपए का नकद चढ़ावा चढ़ाया।
50 लाख से ज्यादा का नकद चढ़ावा
चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या सबसे ज्यादा रही। नवमीं पर यहां 45 हजार भक्तों ने दर्शन किए, जबकि अष्टमी के दिन 22 लाख 49 हजार 708 रुपए का चढ़ावा अर्पित किया गया। मंदिर अधिकारी अजय मंडयाल ने बताया कि मेले के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा गया।
ज्वालामुखी मंदिर में नवमीं पर 15 हजार श्रद्धालु पहुंचे और अष्टमी को 5 लाख 7 हजार 136 रुपए का नकद चढ़ावा अर्पित किया गया। मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा के अनुसार व्यवस्थाओं को लेकर श्रद्धालु संतुष्ट नजर आए। वहीं चामुंडा देवी मंदिर में नवमीं पर 11 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मंदिर ट्रस्ट की ओर से सभी जरूरी प्रबंध किए गए थे।
बज्रेश्वरी देवी मंदिर में अष्टमी के दिन 1 लाख 76 हजार 529 रुपए का चढ़ावा चढ़ा और नवमीं पर 6 हजार भक्तों ने मां के चरणों में शीष नवाया। नयनादेवी मंदिर में भी नवमीं पर 45 हजार श्रद्धालु पहुंचे और अष्टमी पर 21 लाख 38 हजार 415 रुपए का नकद चढ़ावा दिया गया। मंदिर अधिकारी संजीव प्रभाकर ने बताया कि मेले के दौरान सुरक्षा, भोजन और लाइन व्यवस्था को लेकर कोई शिकायत नहीं आई।





