कल से हिमाचल प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। आज दोपहर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ मीटिंग के बाद रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन, स्टेट संगठन, मेडिकल एंड डेंटल कॉलेज टीचर्स और हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की ओर से यह निर्णय लिया गया है। बता दें कि हाल ही में हिमाचल में एंबुलेंस कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, ऐसे में अब रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल मरीजों को परेशानी में डाल सकती है।
दरअसल आरडीए की ओर से मांग की गई है कि डॉक्टर राघव निरुला के खिलाफ लिए गए टर्मिनेशन के फैसले को निरस्त किया जाए। इसके अलावा आईजीएमसी परिसर के भीतर हुई घटना में दोषियों के खिलाफ एफआईआर की मांग भी की गई है।
क्या है रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग?
आरडीए की मांग है कि परिसर के भीतर भीड़ द्वारा डराने-धमकाने की घटना के मामले में दोषियों पर कार्रवाई हो। डॉक्टर राघव निरुला को जान से मारने की धमकी देने तथा उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले नरेश दस्ता पर भी मामला दर्ज किया जाए। इसे लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ आरडीए ने बैठक की थी। मुख्यमंत्री की ओर से इस मामले में एक बार फिर जांच कराने और डॉक्टरों की मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का भरोसा दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद डॉक्टरों ने हड़ताल करने का निर्णय लिया है। आज 26 दिसंबर को भी प्रदेश के लगभग 3000 से ज्यादा डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से बिगड़ गईं और मरीजों को ओपीडी सेवाओं में भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
आज भी अवकाश पर रहे ज्यादातर डॉक्टर
दरअसल आज प्रदेश के ज्यादातर डॉक्टर अवकाश पर रहे, जिससे दूर-दराज क्षेत्रों के लोग इलाज की उम्मीद में सुबह-सुबह आईजीएमसी शिमला समेत प्रदेश के दूसरे अस्पतालों में पहुंचे, लेकिन उन्हें बिना उपचार के ही घर लौटना पड़ा। वहीं पांवटा साहिब में आज टर्मिनेट किए गए डॉक्टर निरुला के पक्ष में स्थानीय लोगों ने रैली निकाली। इस रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों और बीजेपी के स्थानीय विधायक सुखराम चौधरी ने भी डॉक्टर राघव नरूला का टर्मिनेशन रद्द करने की मांग उठाई। इसके अलावा डॉक्टर नरूला की मां ने भी सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
जानिए क्या है पूरा मामला
जानकारी दे दें कि यह पूरा मामला 22 दिसंबर का है। 22 दिसंबर को आईजीएमसी शिमला में डॉक्टर राघव निरुला और मरीज के बीच मारपीट का मामला सामने आया था, जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इस वीडियो में डॉक्टर मरीज की पिटाई करता हुआ दिखाई दे रहा था, हालांकि मरीज भी डॉक्टर पर लगातार पांव से वार करता हुआ नजर आया था। वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जांच के आदेश दिए थे और रिपोर्ट आने के बाद तत्काल डॉक्टर को टर्मिनेट कर दिया गया था।





