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Fri, Dec 19, 2025

राजनैतिक सरगर्मियों के बीच कैलाश ने कांग्रेस और दिग्विजय पर कुछ यूं ली चुटकी

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राजनैतिक सरगर्मियों के बीच कैलाश ने कांग्रेस और दिग्विजय पर कुछ यूं ली चुटकी

भोपाल।

एमपी की सियासत में अब धीरे धीरे होली का रंग चढ़ने लगा है।एक तरफ जहां प्रदेश की कमलनाथ सरकार अपनी विधायकों को एकजुट करने में जुटी है और पांच साल तक स्थिर रहने का दावा कर रही है।वही दूसरी तरफ भाजपा के दिग्गज नेता दिल्ली में डेरा डालकर हाईकमान के साथ भविष्य की नई रणनीति तैयार कर रहे है। वही अब तक पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ट्वीटर के माध्यम से कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर तंज कस रहे है।
खास ये है कि कैलाश ने तंस को होली के रंग में लपेटकर सियासी हमला बोला है और साथ ही लिखा है कि बुरा ना मानो होली है।

दरअसल, सियासी हलचल के बीच कैलाश विजयवर्गीय ने शनिवार को एक ट्वीट के जरिए कांग्रेस पार्टी और दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। ट्वीट में वह यह कह रहे हैं कि कांग्रेसी खुद आपस में लड़ रहे हैं, रायता दिया फैलाए, हां दिग्गी चाचा समेट रहें पर समेटा ना जाए। साथ ही उन्होंने तंज में होली है इसलिए बुरा ना मानें की भी सलाह से डाली है। इससे पहले कैलाश ने कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तक पर ट्वीट के जरिए निशाना साधा था।हालांकि, उन्होंने इस ट्वीट में इन चारों का नाम नहीं लिया था लेकिन इशारा वहीं था. कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, ‘पूत कुंआरा डोलता, मिलती नहीं लुगाई, छाती ऊपर मूंग दले, बेटी और जमाई. बुरा न मानो होली है।

इससे पहले बीते दिनों ही जब कैलाश से BJP द्वारा राज्य की कांग्रेस सरकार को अस्थिर को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि आगे आगे देखिये होता है क्या। विजयवर्गीय ने यहां अपने इस मामले से BJP का कोई लेना देना नहीं है। ये सबको मालूम है कि यह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई का नतीजा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राज्य की जनता से चुनाव के पहले कई लुभावने वादे किये थे, लेकिन सरकार बनने के बाद वादे पूरे नहीं हुए। यही वजह है कि कांग्रेस के विधायकों में सरकार के प्रति गुस्सा है। उन्होंने सरकार को अस्थिर करने के लग रहे आरोपों पर कहा कि यदि इस तरह सरकार बनानी होती तो हम उसी दिन सरकार बना लेते जिस दिन हमें महज 4-5 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता थी।दिल्ली और भोपाल में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व ठीक नहीं है। यही वजह है कि अपने भविष्य को लेकर कांग्रेस के युवा विधायक असुरक्षा महसूस कर रहे हैं।