Vastu Tips : वास्तु शास्त्र सनातन धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें आपक सभी चीजों से जुड़े नियम और विधि का वर्णन मिल जाएगा। वास्तु शास्त्र का मूल उद्देश्य मनुष्य के जीवन को सुखी, समृद्ध और सम्पूर्ण बनाना है। बता दें कि यह शास्त्र बहुत प्राचीन है और इसे ऋषि, शिक्षक समेत वैज्ञानिकों द्वारा भी प्रणित किया गया है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, भवन का निर्माण, उसका डिजाइन लोगों के जीवन को प्रभावित करता है। इसमें बताए गए नियमों के माध्यम से ही लोग सभी कार्य करते हैं, ताकि उन्हें कभी कोई तकलीफ ना हो।वहीं, पूजा घर का निर्माण भी वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार किया जाता है ताकि लोगों के जीवन में संतुलन और शांति बनी रही। बता दें कि पूजा गृह में भगवान की मूर्ति, धूप, दीप, अगरबत्ती, आरती की थाली, पुस्तकें, माला सहित अन्य धार्मिक चीजें रखी जाती है। साथ ही यहां विधि-विधान के साथ ईश्वर की साधना की जाती है, ताकि घर में भगवान का वास हो। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको वो 5 संकेत बताएंगे जो भगवान के होने का साइन माना जाता है। आइए जानते हैं विस्तार से…

मिलते हैं ये 5 संकेत
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, यदि आपके घर के मंदिर में अजीब सी सुगंध आने लगे तो आपको यह फौरन समझ लेना चाहिए कि आपके घर में भगवान का वास है।
- वास्तु शास्त्र में यह बताया गया है कि अगर लगातार 3 दिन तक घर से निकलते वक्त आपको मोर दिखाई दे, तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपके घर पर स्वयं भगवान की कृपा दृष्टि बनी हुई है। इस दौरान आपके सारे बिगड़े हुए काम भी बन जाएंगे।
- वास्तु शास्त्र में यह बताया गया है कि अगर आपको सपने में मंदिर या भगवान की मूर्ति दिखाई देती है, तो आपको यह समझ लेना चाहिए कि आपके घर पर भगवान का वास है।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, सपने में ऊंचे-ऊंचे पर्वत से झरना बहता हुआ दिखाई देता है, तो यह इस बात का संकेत होता है कि आपके घर पर स्वयं माता लक्ष्मी समेत सभी देवी-देवता की कृपा दृष्टि बनी हुई है।
- वहीं, अगर पूजा करते समय आपकी द्वार पर कुत्ता, बिल्ली, गाय या फिर भिक्षु आए यह भगवान के आगमन का संकेत माना जाता है। पूजा के वक्त अतिथियों का आना और भी ज्यादा सुख माना जाता है। यह साक्षात देवता का भी रूप हो सकते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)





