Fri, Dec 26, 2025

कैब बुकिंग में बड़ा बदलाव: अब मिलेगा महिलाओं के लिए फीमेल ड्राइवर चुनने का विकल्प

Written by:Bhawna Choubey
Published:
कैब से सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाया है। ओला, उबर और रैपिडो जैसे प्लेटफॉर्म पर अब महिला यात्री राइड बुक करते समय ‘सेम जेंडर ड्राइवर’ चुन सकेंगी।
कैब बुकिंग में बड़ा बदलाव: अब मिलेगा महिलाओं के लिए फीमेल ड्राइवर चुनने का विकल्प

रात के समय कैब बुक करते वक्त महिलाओं के मन में सबसे बड़ा सवाल यही होता है सफर कितना सुरक्षित होगा? इसी चिंता को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कैब सेवाओं को लेकर एक बड़ा और अहम फैसला लिया है। अब ओला, उबर और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म पर महिला यात्री अपनी राइड बुक करते समय फीमेल ड्राइवर चुन सकेंगी।

यह बदलाव सिर्फ एक तकनीकी सुविधा नहीं है, बल्कि महिलाओं की रोजमर्रा की यात्रा को ज्यादा भरोसेमंद बनाने की कोशिश है। मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में किए गए इस संशोधन से कैब सेवाओं की दिशा और दशा दोनों बदलने की उम्मीद है।

महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार का नया नियम

महिला यात्रियों की सुरक्षा लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रही है। खासकर महानगरों और छोटे शहरों में कामकाजी महिलाओं, छात्राओं और अकेले यात्रा करने वाली महिलाओं के लिए कैब सेवाएं जरूरी बन चुकी हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में संशोधन करते हुए ‘सेम जेंडर ड्राइवर’ विकल्प को अनिवार्य कर दिया है।

इस नियम के तहत ओला, उबर, रैपिडो और अन्य कैब एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म्स को अपने ऐप में यह सुविधा देनी होगी कि महिला यात्री चाहें तो केवल फीमेल ड्राइवर के साथ ही राइड बुक कर सकें। सरकार का मानना है कि इससे महिलाओं का भरोसा बढ़ेगा और वे बिना डर के सफर कर पाएंगी।

राज्य सरकारों पर होगी नियम लागू करने की जिम्मेदारी

केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, ये गाइडलाइंस सीधे तौर पर कैब कंपनियों पर लागू नहीं होंगी, बल्कि राज्य सरकारों को इन्हें अपनी लाइसेंसिंग नीति में शामिल करना होगा। यानी राज्यों द्वारा जारी या रिन्यू किए जाने वाले कैब एग्रीगेटर लाइसेंस अब इन्हीं शर्तों से जुड़े होंगे। पहले भी जब जुलाई 2025 में मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस लागू की गई थीं, तब राज्यों को तीन महीने का समय दिया गया था। हालांकि नए संशोधन में किसी स्पष्ट तारीख का जिक्र नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि अधिसूचना जारी होते ही ये नियम प्रभावी माने जाएंगे।

महिला ड्राइवरों की कमी बनी सबसे बड़ी चुनौती

हालांकि यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है, लेकिन इसे जमीन पर उतारना आसान नहीं होगा। इंडस्ट्री से जुड़े जानकार बताते हैं कि फिलहाल देशभर में कैब ड्राइवरों में महिलाओं की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में ‘सेम जेंडर ड्राइवर’ विकल्प के चलते कई व्यावहारिक दिक्कतें सामने आ सकती हैं। खासकर देर रात, सुबह जल्दी या पीक ऑवर्स के दौरान महिला ड्राइवरों की उपलब्धता सीमित रहने से वेटिंग टाइम बढ़ सकता है। इससे यात्रियों को राइड मिलने में देरी हो सकती है।

ओला, उबर और रैपिडो की प्रतिक्रिया का इंतजार

फिलहाल ओला, उबर और रैपिडो जैसी बड़ी कैब कंपनियों ने इस नए नियम पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। माना जा रहा है कि कंपनियां सरकार के निर्देशों के अनुसार अपने सिस्टम में बदलाव करेंगी। बीते कुछ वर्षों में कैब प्लेटफॉर्म्स ने महिलाओं के लिए सेफ्टी फीचर्स जैसे SOS बटन, लाइव लोकेशन शेयरिंग और ट्रिप ट्रैकिंग जैसी सुविधाएं जोड़ी हैं। ‘सेम जेंडर ड्राइवर’ विकल्प इसी कड़ी में एक और बड़ा कदम माना जा रहा है।

टिपिंग सिस्टम में भी हुआ बड़ा बदलाव

मोटर व्हीकल एग्रीगेटर्स गाइडलाइंस, 2025 में केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि ड्राइवरों की आमदनी को लेकर भी अहम बदलाव किए गए हैं। अब यात्री ट्रिप पूरी होने के बाद अपनी इच्छा से ड्राइवर को टिप दे सकेंगे। सबसे अहम बात यह है कि यह टिप पूरी तरह ड्राइवर को ही मिलेगी। इसमें किसी भी तरह की कटौती नहीं की जा सकेगी। साथ ही, बुकिंग या यात्रा के दौरान टिप का विकल्प नहीं दिखाया जाएगा, ताकि यात्रियों पर किसी तरह का दबाव न बने।