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Sun, Dec 21, 2025

जबलपुर के इस मेडिकल कॉलेज में पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट, पिता ने बेटे को दिया नया जीवन

Written by:Lalita Ahirwar
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जबलपुर के इस मेडिकल कॉलेज में पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट, पिता ने बेटे को दिया नया जीवन

जबलपुर, संदीप कुमार। जबलपुर (Jabalpur) के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में रविवार को पहला सफल किडनी प्रत्यारोपण (Kidney Transplant) किया गया। इस ऐतिहासिक दिन के लिए जबलपुर के मेडिकल कॉलेज विभाग बीते कई दिनों से तैयारी कर रहा था। पिछले महीने शासन की अनुमति प्राप्त होने के बाद नेफ्रोलॉजी एवं यूरोलॉजी विभाग किडनी प्रत्यारोपण की तैयारी में जुट गया था। इस दौरान बीच मे कई चुनौतियां भी आई पर नेता जी सुभाष चंद्रबोस मेडिकल कॉलेज की टीम ने सबको पार किय कर सफलता पाई।

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पहला प्रत्यारोपण था कठिन

नेता जी सुभाष चंद्रबोस मेडिकल कॉलेज टीम को पहला किडनी ट्रांसप्लांट करने में जटिलता का सामना करना पड़ा। यहा मरीज की दो धमनी होने के कारण उसको पहले भी कई ऐसे प्राइवेट सेक्टरों के अस्पतालों में दिखाया गया जहाँ से उन्हें मना कर दिया गया था और किडनी ट्रांसप्लांट के बाद भी किडनी काम न करने की संभावना जताई गई थी। वहीं इस प्रत्यारोपण को मेडिकल के चिकित्सकों ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार किया।

पिता ने पुत्र को दिया नया जीवन

किडनी प्रत्यारोपण में मरीज के पिता ने अपने पुत्र को किडनी दान कर उसे फिर से नया जीवन दिया है। इस प्रत्यारोपण में मरीज एवं डोनर पिता की स्थिती पूर्व अनुमान के मुताबिक तेजी से सुधर रही है। उन्हें अगले 6 से 7 दिवस में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। रविवार का दिन जबलपुर वासियों के लिए उपलब्धि का अच्छा दिन रहा है। अब जबलपुर में किडनी की किसी भी बीमारी के लिए मरीजों को क्षेत्र से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। यह गरीबों के लिए अत्यंत ही शुभ समाचार है कि मेडिकल में आयुष्मान योजना में किडनी प्रत्यारोपण पूरी तरह से निशुल्क किया जाएगा। इस उपलब्धि में डीन डॉ प्रदीप कसार ने प्रत्यारोपण के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर जरूरी अनुमति लेने में विशेष योगदान दिया साथ ही जरूरी सामान एवं दवाएं भी कम समय में उपलब्ध कराई। शासन विशेषकर डॉ विश्वास सारंग जी की विशेष रूचि ने टीम का मनोबल हमेशा ऊंचा रखा एवं निरंतर कार्य प्रगतिशील के लिए प्रेरित किया।

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इस दौरान किडनी रोग विभाग के डॉक्टर अश्वनी पाठक, डॉ नीरज जैन एवं डॉ तुषार ने सभी जरूरी परीक्षण कर पेशेंट व डोनर तैयार कर सभी टीम से समन्वय स्थापित किया। यूरोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. फणीन्द्र सोलंकी ने सर्जरी का नेतृत्व किया। उनकी टीम में डॉक्टर अर्पण, डॉक्टर अविनाश, डॉक्टर प्रशांत, एवं डॉक्टर अनुराग का सहयोग रहा,निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ अपर्णा, डॉ मीना, डॉक्टर कमल एवं डॉक्टर अनिवेश का योगदान रहा, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ वाई.आर यादव ने विशेष इंतजाम एवं जरूरतों को पूर्ण कर अनुकरणीय योगदान दिया।