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Sat, Dec 20, 2025

एक कथा के कितने रूपये लेते हैं Pradeep Mishra? आइए जानें

Written by:Ayushi Jain
Published:
एक कथा के कितने रूपये लेते हैं Pradeep Mishra? आइए जानें

Pradeep Mishra Fees : जाने माने कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। पिछले कुछ दिनों दे वह काफी ज्यादा चर्चा में है क्योंकि पिछले दिनों रुद्राक्ष महोत्सव में हुई अव्यवस्था के लिए कई लोगों ने उन्हें आड़े हाथों लिया तो कई लोगों ने उनका सपोर्ट किया। ऐसे में वह सुर्खियों में बने हुए हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं मध्य प्रदेश के कुबरेश्वर धाम में देश भर से लोग रुद्राक्ष महोत्सव में रुद्राक्ष लेने के लिए पहुंच गए थे। लेकिन इस दौरान इतनी ज्यादा भीड़ हो गई कि कई लोग एक दूसरे से बिछड़ गए तो कईयों की मौत हो गई।

ऐसे में ये बात सभी को पता चल गई कि पंडित जी के कितने भक्त है। हालांकि उनकी आलोचना भी बहुत ज्यादा हुई लेकिन उसके बाद भी उनके भक्तों ने उन पर विश्वास करना बंद नहीं किया। आज भी लोग उन्हें वही तवज्जो देते हैं जो पहले देते थे। अभी भी वह लगातार कथा कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं वह एक कथा के कितने रूपये लेते हैं। शायद नहीं जानते होंगे आज हम आपको बताने जा रहे है कि पंडित प्रदीप मिश्रा एक कथा के कितने रूपये चार्ज करते हैं। तो चलिए जानते है –

एक कथा की इतनी फीस लेते हैं कथावाचक Pradeep Mishra

पंडित प्रदीप मिश्रा का जन्म सीहोर जिले में 1980 में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई वहीं से ही पूरी की उसके बाद वह शिव जी की भक्ति में रम गए। बचपन से ही वह अपनी कथा में शिव पुराण का प्रवचन करते आए हैं। अभी उनके इतने ज्यादा भक्त हैं कि वह जो भी उपाय करने के लिए बोल देते हैं। उसे भक्त बिना सोचे समझे अपना लेते हैं।

ऐसे में वह कितनी फ़ीस एक कथा के लिए चार्ज करते हैं, यह हर कोई नहीं जानता है। क्योंकि उनके आस्था टीवी चैनल पर भी कार्यक्रम लाइव होते हैं और करोड़ों लोग उनकी कथा सुनने के लिए आते हैं। इसकी व्यवस्था और उनकी उपस्तिथि के लिए अगर वह पैसे लेते भी है तो इसकी जानकारी अभी तक किसी को नहीं है।

ना ही प्रदीप मिश्रा ने अभी तक ये बात किसी को बताई है और ना ही कोई ये जनता है। लेकिन लेकिन एक मीडिया कंपनी ने यह दावा किया है कि वह एक कथा कराने के करीब 7 से 8 लाख चार्ज करते हैं। इतना ही नहीं उनका एक यूट्यूब चैनल भी है जो वह चलाते हैं। उससे भी उनकी आमदनी होती है। हालांकि इन पैसों से वह गरीबों को दान देते हैं, ताकि उनका भला हो सके।