उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के उज्जैन नगरी (Ujjain) को धार्मिक नगरी कहा जाता है। उज्जैन में जगह-जगह पर मंदिर (Temple) बने हुए हैं। कहा जाता है कि उज्जैन के हर मंदिरों की अलग-अलग मान्यता है। उज्जैन को महाकाल वन के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल यहां पर भगवान शिव के कई रूप विराजमान है। आपको बता दें उज्जैन शहर से 8 किलोमीटर दूर एक ऐसा रहस्यमई मंदिर है, जहां पर भगवान को शराब का भोग लगाया जाता है। जी हां यहां भगवान रोजाना मंत्रोच्चार के बाद करीब 2000 शराब की बोतलों का सेवन करते हैं।
वैज्ञानिक भी इस चमत्कार को काफी ज्यादा मानते हैं और यह बात सच भी है क्योंकि भगवान सच में शराब का सेवन करते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कौन सा मंदिर है जहां पर भगवान शराब का सेवन करते हैं और भगवान को शराब का भोग लगाया जाता है, तो आपको बता दें उज्जैन नगरी में बाबा काल भैरव का मंदिर है। जहां पर बाबा काल भैरव रोजाना 2000 शराब की बोतलों का सेवन करते हैं। हालांकि भगवान शराब क्यों पीते हैं और इसका क्या रहस्य है। इसके बारे में आज तक पुरातत्व विभाग की पता नहीं लगा पाया है। चलिए जानते हैं क्या है इसके पीछे का रहस्य और मान्यता –
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मान्यताओं के अनुसार, मंदिर के पुजारी बताते हैं कि हर रोज काल भैरव मंदिर के पट सुबह 6:00 बजे खोल दिए जाते हैं। वही सुबह 7:00 से 8:00 बजे तक बाबा काल भैरव की आरती की जाती है। उसके बाद शाम 6:00 से 7:00 के बीच में भगवान की आरती की जाती है। ऐसे में रोजाना करीब 2000 से ज्यादा बोतलों में भरी शराब का सेवन बाबा काल भैरव करते हैं। मान्यता यह भी है कि भगवान को मदिरा का भोग लगाने के बाद भक्त इसे प्रसाद के रूप में सेवन करते हैं।
कहा जाता है कि ऐसा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। वहीं पापों का विनाश होता है। आपको बता दें मंदिर के बाहर कई तरह के ब्रांड की शराब मिलती है। यह शराब प्रशासनिक अनुमति से बेची जाती है। मंदिर के बाहर आबकारी विभाग का भी काउंटर बनाया गया है। यहां खुलेआम शराब बेची जाती है। पुजारी द्वारा बताया गया है कि भगवान को चढ़ाई गई मदिरा का भोग पीने के बाद यह नहीं पता चलता है कि वह मदिरा है।
दरअसल काल भैरव को पांच तत्वों का भोग लगाया जाता था मांस, मदिरा, मछली, मुर्गा व अन्य लेकिन समय के चलते प्रशासन द्वारा इन सब को बंद करवा दिया गया। हालांकि शराब का भोग और प्रसाद का सेवन आज तक किया जाता है। इसे कोई भी बंद नहीं करवा सका। कहा जाता है कि मंत्रोच्चार के साथ भगवान स्वयं ही शराब पी जाते हैं। इस मंदिर भगवान काल भैरव के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस मंदिर को काफी ज्यादा चमत्कारी भी माना गया है। कहा जाता है कि भगवान काल भैरव नगर रक्षा के लिए महाकाल वन में विराजित है। उन्हें भगवान महाकाल का सेनापति भी माना जाता है।





