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Sat, Dec 20, 2025

सतपुड़ा की पहाड़ियों पर बसा है 800 साल पुराना नागतीर्थ शिखरधाम, यहां देखें प्रकृति और अध्यात्म का अनूठा संगम

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
बरसात के मौसम में प्रकृति की वादियां बहुत हसीन हो जाती हैं। आज हम आपको एक ऐसे आध्यात्मिक स्थल के बारे में बताते हैं, जो पहाड़ियों और हरियाली के बीच बसा हुआ है।
सतपुड़ा की पहाड़ियों पर बसा है 800 साल पुराना नागतीर्थ शिखरधाम, यहां देखें प्रकृति और अध्यात्म का अनूठा संगम

मध्य प्रदेश भारत के सबसे सुंदर राज्यों में से एक है। यहां के सतपुड़ा की वादियां अपनी प्राकृतिक सुंदरता की वजह से लोगों के बीच बहुत मशहूर है। जब आप यहां जाएंगे तो आपको हसीन वादियों के बीच कुछ आध्यात्मिक स्थान भी देखने को मिलेंगे। इनमें से एक जगह नागतीर्थ नागलवाड़ी शिखरधाम है। पर्यटकों के बीच यह जगह खास महत्व रखती है।

निमाड़ मालवा के ऊंचे पहाड़ों पर बसा हुआ यह धाम बड़वानी जिले में आता है। यहां प्रकृति के अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं। जो पर्यटक यहां पर आते हैं वह देव दर्शन के साथ सुरम्य प्राकृतिक वादियों का आनंद भी ले पाते हैं। यहां पर झरने, हर्बल ट्रैकिंग स्पॉट और रमणीय स्थल मौजूद है।

नागतीर्थ शिखरधाम पर लगता है मेला

नाग पंचमी के मौके पर शिखर धाम पर विशेष मेले का आयोजन होता है। इसका हिस्सा बनने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां पर भिलट देव का मंदिर है और महालोक भी बनाया जा रहा है। उज्जैन में बनाए गए महाकाल महालोक के तर्ज पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसे बनाया जा रहा है।

800 साल पुराना मंदिर

नाग तीर्थ शिखर धाम में भिलट देव का मंदिर है जो लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र कहा जाता है। सतपुड़ा की ऊंची पहाड़ियों पर बसा ये मंदिर 800 साल पुराना है। ऐसा बताया जाता है कि भिलट देव का प्राकट्य मध्य प्रदेश के हरदा जिले के रोल ग्राम में हुआ था। यह मंदिर 2200 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है और साल 2015 में इसका गुलाबी रंग के पत्थरों से जीर्णोद्धार भी किया गया था।

कैसे पहुंचे

अगर आप प्राकृतिक सुंदरता के बीच वैसे इस आध्यात्मिक स्थान का दीदार करना चाहते हैं तो इंदौर रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट यहां से डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है। देश के किसी भी हिस्से से इंदौर पहुंचकर बस या फिर टैक्स की सहायता से शिखर धाम पहुंचा जा सकता है।