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Sat, Dec 20, 2025

Transfer News : राज्य के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर! मई में हट सकता है तबादलों से बैन, जल्द कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

Written by:Pooja Khodani
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नई तबादला नीति में जिले की सीमा के भीतर होने वाले ट्रांसफर संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री की स्वीकृति से किए जाएंगे। किसी कर्मचारी का स्थानांतरण एक से दूसरे जिले में किया जाना हो, तो वह विभागीय मंत्री की अनुशंसा पर आधारित होगा।
Transfer News : राज्य के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर! मई में हट सकता है तबादलों से बैन, जल्द कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

Transfer in Madhya Pradesh : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। चर्चा है कि लंबे समय से तबादलों पर लगा बैन मई में हट सकता है और इसी के साथ राज्य सरकार द्वारा नई तबादला नीति भी लागू की जा सकती है।

नई नीति से खासतौर पर उन कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जो दो साल से ज्यादा समय से ट्रांसफर बैन के चलते एक ही जगह पर जमे हुए है।शिक्षा और स्वास्थ्य विभागों में तबादलों की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। इससे पहले ट्रांसफर पॉलिसी 2021-22 में लागू की गई थी।अब सामान्य प्रशासन विभाग ने नई तबादला नीति 2025 तैयार की है, जिसे कैबिनेट मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।चर्चा है कि सीएम ने अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादला करने की छूट देने की नीति तैयार करने के लिए कहा है।

एमपी में 2023 से लगा हुआ है तबादलों पर प्रतिबंध

  • दरअसल, 2023 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश में तबादलों पर बैन लगा हुआ है और नई तबादला नीति घोषित नहीं की गई है जिसके चलते कर्मचारियों अधिकारियों में नाराजगी है। हालांकि तब से अबतक केवल मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर तबादले हो रहे है।
  • कैबिनेट में कई बार मंत्री भी सीएम से तबादलों से बैन हटाने की मांग कर चुके है लेकिन अब खबर आई है कि राज्य सरकार ने नई ट्रांसफर पॉलिसी 2025 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे आगामी कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। मंजूरी मिलते ही ट्रांसफर बैन हट जाएगा और नई नीति के तहत मई-जून महीने में ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

नई तबादला नीति में क्या रहेगा खास

  • मीडिया रिपोर्ट्स  की मानें तो नई तबादला नीति में एक निश्चित अवधि में प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर तबादले होंगे, लेकिन किसी भी संवर्ग में  10 से 20% से अधिक तबादले नहीं किए जा सकेंगे। प्रभार के जिले में अधिकार प्रभारी मंत्री का रहेगा।हालांकि इसमें सीमित संख्या में ही तबादले करने के अधिकार मंत्रियों को दिए जाएंगे।
  • तृतीय और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के जिले के भीतर तबादले करने का अधिकार प्रभारी मंत्रियों तो राज्य स्तर पर विभागीय मंत्री के अनुमोदन उपरांत तबादले होंगे।
  • गंभीर बीमारी, प्रशासनिक, स्वेच्छा सहित अन्य आधार स्थानांतरण को प्राथमिकता दी जा सकती है।
  • आदिवासी क्षेत्रों में तबादला उसी स्थिति में होगा, जब वहां दूसरी पदस्थापना सुनिश्चित हो जाए।
  • नई नीति में ये भी तय किया गया है कि स्वेच्छा से ट्रांसफर लेने वाले कर्मचारियों को कोई भत्ता नहीं दिया जाएगा, लेकिन जिनका ट्रांसफर प्रशासनिक वजहों से किया जाएगा, उन्हें सरकार की ओर से भत्ते की सुविधा दी जाएगी।
    ट्रांसफर की प्रक्रिया में मंत्रियों की भूमिका अहम होगी।अपने विभाग के कर्मचारियों का ट्रांसफर मंत्री कर सकेंगे।
  • गजेटेड अधिकारियों ( उच्च स्तर के प्रशासनिक या प्रबंधकीय पदों पर होते हैं) के ट्रांसफर के लिए मुख्यमंत्री की सहमति जरूरी होगी।
  • इसमें उन अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले मुख्यमंत्री समन्वय की अनुमति के बिना नहीं होंगे, जिन्हें मुख्यमंत्री की नोटशीट के आधार पर दूसरे स्थान पर पदस्थ किया गया था।