पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना का नाम बदलने के फैसले पर चर्चा करने के लिए 30 दिसंबर 2025 को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया। इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर भगवंत मान सरकार पर जमकर निशाना साधा है। इस दौरान उन्होंने ‘जी राम जी’ बिल की विषेशताएं बताते हुए कई मुद्दों पर अपनी बात रखी।
शिवराज सिंह ने कहा कि संसद द्वारा पारित किसी कानून के खिलाफ राज्य विधानसभा में प्रस्ताव लाना संघीय ढांचे की मूल भावना के खिलाफ है। संविधान ने संसद को कानून बनाने का अधिकार दिया है और उसे मानना केंद्र व राज्य, दोनों की जिम्मेदारी है। केवल विरोध के लिए विरोध करना न तो लोकतांत्रिक है और न ही संवैधानिक।
शिवराज सिंह ने राहुल गांधी पर बोला हमला
शिवराज सिंह चौहान ने राहुल गांधी पर हमला बोलने हुए कहा कि राहुल गांधी कल्पना लोक में रहते हैं, देश की हकीकत से उनका कोई लेना-देना नहीं है। बिना मंत्री परिषद और कैबिनेट के काम चलने की बात कहना केवल भ्रम फैलाना है, मन में जो आया कह देना जिम्मेदार राजनीति नहीं है। इतने महत्वपूर्ण ‘विकसित भारत जी राम जी’ बिल पर नेता प्रतिपक्ष ही लोकसभा से गायब रहे, संसद से गायब रहे। जब संसद में चर्चा होती है, तो गायब रहेंगे। चर्चा का उत्तर नहीं सुनेंगे, दादागिरी करेंगे।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने गिनाए पंजाब सरकार के भ्रष्टाचार के मामले
केंद्रीय कृषि मंत्री ने पंजाब में मनरेगा सहित कई योजनाओं में सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, पंजाब में हजारों भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं, लेकिन न तो दोषियों पर कार्रवाई की गई और न ही गबन की गई राशि की वसूली हुई।
उन्होंने दावा किया कि पंजाब में 13 हजार 304 ग्राम पंचायतों में से केवल 5 हजार 915 में ही सोशल ऑडिट हुआ है। उन्होंने कहा, रिपोर्ट में करीब 10 हजार 653 वित्तीय गबन के मामले सामने आए, लेकिन इनमें किसी पर कार्रवाई नहीं की गई।
शिवराज सिंह ने बताए ‘जी राम जी’ योजना के फायदे
शिवराज सिंह ने कहा कि ‘विकसित भारत- जी राम जी’ योजना गांव के सम्पूर्ण विकास का संकल्प है। इसमें रोजगार दिवसों को 100 दिनों से बढ़ाकर 125 किया गया है। साथ ही मजदूरी मिलने में देरी होने पर अतिरिक्त राशि की व्यवस्था की गई है। ‘विकसित भारत- जी राम जी’ योजना में इस साल 1,51,282 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। गांव वाले तय करेंगे कि उनके गांव में विकास के कौन-कौन से काम हों। इसमें किसानों का भी ध्यान रखा गया है। साथ ही प्रशासनिक व्यय 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि ग्राम सभाओं और पंचायतों की शक्तियों को कम नहीं किया जा रहा है, बल्कि उन्हें और मजबूत किया जा रहा है। ग्राम सभाओं के पास कामों की पहचान करने और उन्हें प्राथमिकता देने का अधिकार रहेगा। पारदर्शिता सुनिश्चित करने और महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों की ज्यादा भागीदारी के लिए अनिवार्य सोशल ऑडिट के साथ, कार्यान्वयन और निगरानी स्थानीय स्तर पर जारी रहेगी। उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि इस योजना के तहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को उनकी महीने की सैलरी समय पर मिलेगी।
पंजाब विधानसभा में ‘जी राम जी’ कानून के खिलाफ प्रस्ताव
बता दें कि पंजाब की आप सरकार ने मंगलवार को पंजाब विधानसभा में ‘जी राम जी’ कानून के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया और भाजपा नीत केंद्र सरकार पर मनरेगा को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया। राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंड ने विधानसभा के एक दिवसीय सत्र के दौरान चर्चा के लिए सदन में प्रस्ताव पेश किया।
LIVE: Press Conference in Bhopal.
https://t.co/hqYT4iD7ry— Office of Shivraj (@OfficeofSSC) December 30, 2025





