असम की हिमंता सरकार घुसपैठियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। शनिवार 27 दिसंबर को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दावा किया कि राज्य की कुल जनसंख्या में से 40 फीसदी बांग्लादेशी मुस्लिम हैं। साथ ही कहा कि साल 2027 में होने वाली जनगणना से ये स्पष्ट भी हो जाएगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है, जब उनकी सरकार ने राज्य में अवैध अप्रवासियों के खिलाफ बिना किसी समझौते के सीधी कार्रवाई करने की नीति अपनाई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सभी डिप्टी कमिश्नर्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे अवैध अप्रवासियों और ट्रिब्यूनल द्वारा विदेशी घोषित किए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और उन्हें निष्कासित करें।
असम में 40 फीसदी बांग्लादेशी मुस्लिम- सीएम सरमा
मुख्यमंत्री ने कहा कि असम एक बारूद के ढेर पर बैठा है जहां बांग्लादेशी मूल के लोगों की आबादी 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है। चिंताजनक बात ये है कि इन लोगों को भारत में अब वैधता मिल चुकी है। राज्य की मूल पहचान खतरे में है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ असम बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
उन्होंने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 34 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी, अगर हम कहें कि 3 फीसदी असमी मुस्लिम थे, तो बांग्लादेशी मूल के मुस्लिमों की जनसंख्या करीब 34 प्रतिशत थी। 2021 में कोई जनगणना नहीं हुई। 2027 में जब जनगणना होगी तो बांग्लादेशी मूल के मुस्लिमों की जनसंख्या 40 प्रतिशत के करीब होगी।
In 2011, minorities made up 31% of Assam’s population, with many being those who came from Bangladesh.
By 2027, this is number expected to rise to around 40%, raising serious concerns about the changing demographic landscape of our state. pic.twitter.com/EkIvItRS13
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 27, 2025





