महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना (यूबीटी) के बीच उस वक्त तीखी बहस छिड़ गई, जब बीजेपी ने दावा किया कि हाल ही में राहुल गांधी द्वारा आयोजित एक डिनर बैठक में उद्धव ठाकरे को अपमानित करते हुए आखिरी पंक्ति में बैठाया गया। बैठक में उद्धव, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत आखिरी पंक्ति में बैठे नजर आए, जहां राहुल गांधी निर्वाचन आयोग द्वारा कथित मतदाता धोखाधड़ी पर प्रस्तुति दे रहे थे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तंज कसते हुए कहा कि जब शिवसेना एनडीए का हिस्सा थी, तब उद्धव हमेशा पहली पंक्ति में बैठते थे और उन्हें सम्मान दिया जाता था।
फडणवीस ने कहा, “हमारे लिए उनका सम्मान हमेशा हमसे पहले था। अब देखिए, इंडिया ब्लॉक में उन्हें कैसा सम्मान मिलता है।” उन्होंने आगे कहा कि उद्धव दिल्ली के सामने न झुकने की बात करते थे, लेकिन अब उनकी स्थिति दयनीय है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जिनकी 2022 में बगावत ने उद्धव का कार्यकाल समाप्त किया, ने भी तंज कसा कि कांग्रेस ने ठाकरे परिवार को उनकी औकात दिखा दी। बीजेपी ने सोशल मीडिया पर बैठक की एक तस्वीर साझा की, जिसमें ठाकरे और राउत आखिरी पंक्ति में बैठे हैं, और कैप्शन में लिखा, “इस तस्वीर में आत्मसम्मान ढूंढें!”
आरोपों का करारा जवाब
शिवसेना (यूबीटी) ने बीजेपी के आरोपों का करारा जवाब दिया। संजय राउत ने कहा कि उद्धव को पहली पंक्ति में सीट दी गई थी, लेकिन प्रस्तुति स्क्रीन को बेहतर देखने के लिए वे पीछे बैठे। राउत ने बीजेपी को निकम्मा करार देते हुए कहा कि वे सीटों के मुद्दे पर अटक गए हैं, जबकि बैठक में बीजेपी की वोट चोरी का पर्दाफाश हुआ। उन्होंने बताया कि राहुल और सोनिया गांधी ने ठाकरे परिवार का गर्मजोशी से स्वागत किया।
बीजेपी और शिंदे पर साधा निशाना
आदित्य ठाकरे ने भी बीजेपी और शिंदे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग पहली पंक्ति में बैठने के लिए धक्कामुक्की करते हैं, इशारा फडणवीस और शिंदे के बीच कथित तनाव की ओर था। आदित्य ने कहा, “बैठक में घर जैसा माहौल था। कहां बैठना है, यह हमारा फैसला था। बीजेपी और शिवसेना को यह बात चुभी कि राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग के उनके कार्यालय से संचालित होने का खुलासा किया।”





