असम (Assam) में साल 2026 में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं जिसको लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं। एक तरफ बीजेपी जहां जनसंपर्क अभियान में जुटी है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष भी लगातार बैठक कर नए प्लान तैयार कर रही है। आठ प्रमुख विपक्षी दलों ने साल 2026 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने के लिए एक समझौता किया है जिसका उद्देश्य बीजेपी के नेतृत्व वाली मौजूदा एनडीए सरकार को हराना है। तो वहीं NDA भी अपने घटक दलों के साथ जनता को साधने में जुट गया है। इस बीच, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने ऐसा बयान दिया है जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है।
हम असम की 103 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं- हिमंत बिस्वा सरमा
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम में हम 100 से ज्यादा सीटें नहीं जीत सकते। यह आबादी का पैटर्न है। हम असम की 126 सीटों में से 103 पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम दूसरी सीटों पर नहीं लड़ सकते। आबादी के पैटर्न के हिसाब से, BJP और हमारी सहयोगी पार्टियां सिर्फ 103 सीटों तक ही पहुंच सकती हैं। हमारी पहुंच 103 सीटों पर होगी।
पहले BJP 90 चुनाव क्षेत्रों में चुनाव लड़ती थी। लेकिन डिलिमिटेशन के बाद, 10-15 नए चुनाव क्षेत्र बन गए हैं जहां आज कोई MLA नहीं है। इस बार हम युवाओं और महिलाओं को आगे ला सकते हैं। BJP को असमिया मुसलमानों का वोट मिलेगा, लेकिन मियां मुसलमानों का वोट नहीं मिलेगा।
उन्होंने कहा कि असम का डेवलपमेंट मॉडल असम में काम करेगा। हम राज्य में अच्छे वोटों से जीतेंगे। हम बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में जीते। अब असम की बारी है।
इसी के साथ वोटर लिस्ट के स्पेशल रिवीजन और कांग्रेस नेताओं के बयान पर CM हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह इलेक्शन कमीशन और कांग्रेस पार्टी के बीच का मामला है। हमें इस पर कोई कमेंट नहीं करना है। इलेक्शन कमीशन ने गाइडलाइंस जारी की हैं। कांग्रेस पार्टी को अगर कोई दिक्कत है, तो उन्हें इलेक्शन कमीशन के पास जाना चाहिए। उन्हें इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को एक मेमोरेंडम देना चाहिए।
इन दलों के साथ मिलकर विपक्ष लड़ेगा चुनाव
बता दें कि असम के आठ प्रमुख विपक्षी दलों कांग्रेस, असम जातीय परिषद, रायजोर दल, माकपा, भाकपा, भाकपा (माले) सहित विपक्षी दलों के नेताओं ने एक साथ बैठक की और भाजपा सरकार के कथित कुशासन के खिलाफ लड़ने का फैसला किया है।
2016 से असम में बीजेपी की सरकार
मई 2016 में सरकार बनने के बाद से ही भाजपा असम में शासन कर रही है। सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा के पहले मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को सत्ता में लाकर 15 साल के कांग्रेस शासन का अंत किया। 2021 से दूसरे कार्यकाल में हिमंत बिस्वा सरमा राज्य के मुख्यमंत्री बने।





