नई दिल्ली के इंदिरा भवन में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। पार्टी की इस सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था की बैठक का मुख्य एजेंडा केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए नए ग्रामीण रोजगार कानून, ‘VB-G RAM G’ के खिलाफ रणनीति तैयार करना है। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी विशेष रूप से मौजूद हैं।
इस उच्चस्तरीय बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, वरिष्ठ नेता और सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (PCC) के अध्यक्ष भी हिस्सा ले रहे हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बैठक का पूरा फोकस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) की जगह लाए गए ‘विकासशील भारत-गारंटी फॉर एम्प्लॉयमेंट एंड लाइवलीहुड मिशन (रूरल)’ यानी VB-G RAM G के विरोध में एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने पर है।
कानून के स्वरूप और ढांचे पर चर्चा
कांग्रेस नेतृत्व नए कानून के राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभावों का गहन विश्लेषण कर रहा है। चर्चा के केंद्र में फंडिंग स्ट्रक्चर में बदलाव और राज्यों द्वारा एक निश्चित समय सीमा के भीतर अपनी रोजगार योजनाएं बनाने की अनिवार्यता शामिल है। पार्टी का मानना है कि संशोधित ढांचा ग्रामीण रोजगार सहायता की मूल प्रकृति को बदलता है और इसकी जिम्मेदारी का बड़ा हिस्सा राज्य सरकारों पर डालता है।
अन्य अहम मुद्दों पर भी नजर
ग्रामीण रोजगार के मुद्दे के अलावा, CWC देश की व्यापक राजनीतिक स्थिति की भी समीक्षा कर रही है। इसमें बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा, अरावली क्षेत्र से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताएं और कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर संगठनात्मक तैयारियों पर भी विचार-विमर्श किया जा रहा है।
सूत्रों ने संकेत दिया है कि बैठक के समापन पर विरोध प्रदर्शनों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना को मंजूरी दी जा सकती है। इसमें आने वाले हफ्तों में विभिन्न राज्यों और जिलों में रैलियां, प्रदर्शन और जनसंपर्क अभियान शामिल हो सकते हैं। नेतृत्व द्वारा बैठक के बाद औपचारिक रूप से फैसलों और आंदोलन की समयसीमा की घोषणा किए जाने की संभावना है।





