रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) लगातार भारत की सैन्य शक्ति को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है। DRDO ने सेना को कई सारे आधुनिक हथियार और उपकरण दिए हैं। भारत की मिसाइलें आज विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रहीं हैं। भारत ने एक बार फिर घातक मिसाइल बनाने में कामयाबी हासिल की है।
DRDO ने 29 दिसंबर 2025 को ओडिशा के चांदीपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR 120) का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया। परीक्षण के दौरान रॉकेट को उसकी पूरी 120 किलोमीटर की अधिकतम रेंज तक दागा गया। उड़ान के दौरान रॉकेट ने सभी तय किए गए मोड़ और तकनीकी प्रक्रियाएं सफलतापूर्वक पूरी कीं और आखिरी में बेहद सटीकता के साथ लक्ष्य को भेदने में कामयाब रही।
भगवान शिव के धनुष पर रखा गया रॉकेट का नाम
भारत की कई मिसाइलों और अन्य हथियारों के नाम भगवान के नाम से संबंधित हैं। इसी प्रकार पिनाका रॉकेट सिस्टम का नाम भी भगवान शिव के धनुष पर रखा गया है। शुरुआत में यह एक अनगाइडेड रॉकेट लॉन्चर था, जिसकी मारक क्षमता करीब 40 किलोमीटर थी। अब इसके गाइडेड स्वरूप विकसित किए जा रहे हैं, जिनकी रेंज 120 किलोमीटर तक है।
कई प्रयोगशालाओं ने मिलकर विकसित किया पिनाका LRGR 120
पिनाका LRGR 120 को डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं ने मिलकर विकसित किया है, जिनमें पुणे की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट, हैदराबाद की डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब और रिसर्च सेंटर इमारत शामिल हैं।
राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण को बताया गेम चेंजर
रक्षा मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए इस सफल परीक्षण की जानकारी दी। मंत्रालय ने लिखा कि पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR 120) का पहला उड़ान परीक्षण आज आईटीआर, चांदीपुर में सफलतापूर्वक पूरा किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO और अन्य सभी स्टेक होल्डर्स को इस कामयाबी को लेकर बधाई दी है। जानकारी के मुताबिक, राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण को गेम चेंजर बताया है और कहा है कि लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेट के सफल डिजाइन और विकास से सशस्त्र बलों की क्षमताओं में वृद्धि होगी।
The maiden flight test of Pinaka Long Range Guided Rocket (LRGR 120) was conducted successfully at ITR, Chandipur today.
Raksha Mantri Shri @rajnathsingh has congratulated @DRDO_India and other stakeholders on this achievement. pic.twitter.com/SAIL8jj8KI
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) December 29, 2025





